पटना, 12 नवम्बर (Udaipur Kiran) । बिहार के दरभंगा में राज्य को दूसरा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) मिलने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 नवम्बर को दरभंगा एम्स के निर्माण कार्य का शुभारंभ करेंगे।
दरभंगा एम्स का निर्माण विवादों में रहा है लेकिन बिहार में डबल इंजन की सरकार बनने के बाद दरभंगा एम्स के बनने का रास्ता साफ हुआ है। राजग खेमे के नेता कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री का मिथिलांचल से विशेष लगाव है जबकि राजनीति के जानकारों का मानना है कि एम्स का निर्माण 2025 में राजग के लिए बड़ा गेम चेंजर साबित हो सकता है।
बिहार के मिथिलांचल और तिरहुत में लोकसभा की एक 12 सीटें हैं, जिसमें 100 के करीब विधानसभा की सीटें आती हैं। इसमें 60 पर राजग का कब्जा है। एक दर्जन लोकसभा सीटों में झंझारपुर, मधुबनी, दरभंगा, मधेपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, समस्तीपुर, बेगूसराय, उजियारपुर, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर हैं। दरभंगा की 10 विधानसभा सीटों में से भाजपा के पास 6 और जदयू के पास तीन सीटें हैं। केवल एक सीट राजद के ललित यादव के पास है।
मधुबनी की 10 विधानसभा सीटों में भाजपा के पास 5 और जदयू के पास तीन सीटें हैं जबकि राजद के पास केवल दो सीटें हैं। मुजफ्फरपुर की 11 विधानसभा सीटों की बात करें तो भाजपा के पास 5 और जदयू के पास एक सीटे हैं जबकि 5 सीट पर महागठबंधन के पास है। इनमें राजद के 4 और कांग्रेस के एक विधायक हैं। समस्तीपुर की 10 विधानसभा सीटों में जदयू और भाजपा के 5, राजद के 4 और माले के एक विधायक हैं।
मिथिलांचल और तिरहुत प्रमंडल में दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, वैशाली जैसे अह्म जिले हैं। इन छह जिलो में 60 विधानसभा की सीटों में से 40 पर राजग को 2020 में जीत मिली थी। शिवहर लोकसभा क्षेत्र में कुल 6 विधानसभा सीटें हैं। चार पर भाजपा का और दो पर राजद का कब्जा है। सीतामढ़ी की पांच में से तीन विधानसभा सीटों पर भाजपा-जदयू गठबंधन को जीत मिली है। राजद ने दो सीटों पर कब्जा जमाया है।
वरिष्ठ पत्रकार अरुण पाण्डेय ने बातचीत में कहा कि दरभंगा एम्स का निर्माण-2025 विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर हो रहा है। पहले दरभंगा एयरपोर्ट और फिर अब एम्स, दरभंगा के लोगों के दिल जीतने के लिए राजग की कोशिश है। आगामी विधानसभा चुनाव में यह गेम चेंजर साबित हो सकता है।
एनबीसीसी बनाएगी दरभंगा एम्स
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा कि दरभंगा एम्स का लक्ष्य कम लागत पर विशाल जनसंख्या को उच्च गुणवत्ता पूर्ण चिकित्सा शिक्षा और देखभाल सेवाएं मुहैया कराना है। एम्स दरभंगा को अत्याधुनिक स्वास्थ्य देखभाल संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा। पांडे ने कहा कि करीब 1,700 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से उत्तर बिहार और आसपास के इलाकों को बहुत लाभ होगा। दरभंगा में एम्स इस बात का सबूत है कि राजग, जो केंद्र और राज्य दोनों पर शासन करता है, सभी क्षेत्रों के विकास के लिए काम करता है और समाज के सबसे जरूरतमंद वर्गों की परवाह करता है।
केंद्र सरकार ने दरभंगा में एम्स निर्माण का जिम्मा एनबीसीसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एचएससीसी इंडिया लिमिटेड सौंप दिया है। देश की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में शामिल एम्स दरभंगा के निर्माण के लिए फिलहाल 1261 करोड़ रुपये का बजट उपबंध किया गया है लेकिन इसमें वृद्धि की संभावना है।
राज्य सरकार ने बिहार के दूसरे एम्स के लिए केंद्र सरकार को दरभंगा में 188 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई है। आवंटित जमीन में से 2.25 लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में एम्स के भवनों का निर्माण होगा। इस पूरी परियोजना को 36 महीने यानी तीन वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में घोषित दरभंगा एम्स बिहार में एक प्रमुख चिकित्सा संस्थान के रूप में कार्य करेगा। दरभंगा में 188 एकड़ भूमि पर 1264 करोड़ रुपये की लागत से 750 बेड वाले एम्स का निर्माण 36 महीनों में पूरा होगा।
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(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी