नई दिल्ली, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली स्थित सुषमा स्वराज भवन में आईएएस 2022 बैच के 181 अधिकारी प्रशिक्षुओं के साथ बातचीत की, जिन्हें विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है।
बातचीत के दौरान, विभिन्न अधिकारियों ने अपने प्रशिक्षण के अनुभव साझा किए। प्रधानमंत्री ने 2022 में आरंभ कार्यक्रम के दौरान उनके साथ अपनी पिछली बातचीत को याद किया। सहायक सचिव कार्यक्रम के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके पीछे का उद्देश्य प्रशासनिक पिरामिड के शीर्ष से लेकर नीचे तक के युवा अधिकारियों को अनुभवात्मक शिक्षा का अवसर प्रदान करना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नया भारत सुस्त रवैये से संतुष्ट नहीं है और सक्रियता की मांग करता है तथा उन्हें सभी नागरिकों को सर्वोत्तम संभव शासन, विनिर्माण की गुणवत्ता और जीवन की गुणवत्ता प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए।
लखपति दीदी, ड्रोन दीदी, पीएम आवास योजना आदि जैसी योजनाओं के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अधिकारियों को इन योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए संतृप्ति दृष्टिकोण के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संतृप्ति दृष्टिकोण सामाजिक न्याय सुनिश्चित करता है और भेदभाव को रोकता है। मोदी ने कहा कि अब यह आपको तय करना है कि वे सेवा वितरण में स्पीड ब्रेकर बनना चाहते हैं या सुपरफास्ट हाईवे। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें उत्प्रेरक एजेंट बनने की आकांक्षा रखनी चाहिए और जब वे अपनी आंखों के सामने बदलाव होते देखेंगे तो उन्हें संतुष्टि महसूस होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र प्रथम सिर्फ एक नारा नहीं बल्कि उनके जीवन का उद्देश्य है और उन्होंने अधिकारियों से इस यात्रा में उनके साथ चलने का आह्वान किया। मोदी ने यह भी कहा कि आईएएस के रूप में चयन के बाद उन्हें जो प्रशंसा मिली थी, वह अब अतीत की बात हो गई है और उन्हें अतीत में रहने के बजाय भविष्य की ओर बढ़ना चाहिए।
इस बातचीत के दौरान कार्मिक राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और गृह एवं कार्मिक एवं प्रशिक्षण सचिव ए.के. भल्ला तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार / आकाश कुमार राय