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एनडीए किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को बिहार के भागलपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए

– महाकुम्भ को बदनाम कर रहे हैं जंगलराज वाले, बिहार इन्हें माफ नहीं करेगा

नई दिल्ली, 24 फरवरी (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को बिहार के भागलपुर में पीएम किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त जारी करते हुए कहा कि देश के गरीब, किसान, नौजवान और नारी शक्ति विकसित भारत के चार मजबूत स्तंभ हैं। एनडीए सरकार चाहे केंद्र में हो या फिर प्रदेश में किसान कल्याण हमारी प्राथमिकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ के समय में मंदराचल की इस धरती पर आना बड़ा सौभाग्य है। इस धरती में आस्था, विरासत और विकसित भारत का सामर्थ्य है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार भारत की गौरवशाली विरासत के संरक्षण और वैभवशाली भविष्य के निर्माण के लिए एक साथ काम कर रही है लेकिन जंगलराज वाले इन्हें हमारी धरोहर और आस्था से नफरत है। इस समय प्रयागराज में एकता का महाकुंभ चल रहा है। ये भारत की आस्था, एकता और समरसता का सबसे बड़ा महोत्सव है। पूरे यूरोप की जितनी जनसंख्या है, उससे भी अधिक लोग इस एकता के महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं, लेकिन ये जंगलराज वाले महाकुंभ को गाली दे रहे हैं। राम मंदिर से ​चिढ़ने वाले लोग महाकुंभ को भी कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। महाकुंभ को गाली देने वाले लोगों को बिहार कभी माफ नहीं करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पीएम किसान निधि की एक और किस्त देश के करोड़ों किसानों को भेजने का सौभाग्य मिला है। करीब 22 हजार करोड़ रुपये एक क्लिक पर देशभर के किसानों के खातों में पहुंचे हैं। पीएम किसान सम्मान निधि में बिहार के 75 लाख से अधिक किसान परिवार भी शामिल हैं और उनके खातों में 1600 करोड़ रुपये पहुंच चुके हैं।

प्रधानमंत्री ने लालू यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में हुए चारा घोटाले का जिक्र कर पिछली सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि किसान को खेती के लिए अच्छे बीज, पर्याप्त और सस्ती खाद, सिंचाई की सुविधा, पशुओं का बीमारी से बचाव और आपदा के समय नुकसान से सुरक्षा चाहिए। पहले इन सभी पहलुओं को लेकर किसान संकट से घिरा रहता था। जो लोग पशुओं का चारा खा सकते हैं वो इन स्थितियों को कभी भी नहीं बदल सकते हैं। एनडीए सरकार ने इन स्थितियों को बदला है।

उन्होंने कहा कि पहले किसानों को यूरिया के लिए लाठियां खानी पड़ती थीं, यूरिया की कालाबाजारी होती थी। आज किसानों को पर्याप्त खाद मिलती है। कोरोना संकट के दौरान भी हमने किसानों को खाद की कमी नहीं होने दी। अगर एनडीए सरकार नहीं होती तो क्या होता। अगर एनडीए सरकार नहीं होती तो आज भी किसानों को खाद के लिए लाठियां खानी पड़तीं। अगर एनडीए सरकार नहीं होती तो आज किसानों को यूरिया का एक बैग 3,000 रुपये में मिल रहा होता। पहले की सरकारें बाढ़, सूखा और ओले के स्थिति में किसानों को उनकी हाल पर छोड़ देती थीं। वर्ष 2014 में एनडीए सरकार पीएम फसल बीमा योजना लेकर आई। इस योजना के तहत पौने दो लाख करोड़ रुपये का क्लेम किसानों को आपदा के समय मिल चुका है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और जंगलराज वाले सरकार में थे तब इन लोगों ने खेती का बजट रखा था उससे कहीं अधिक हम बैंक खातों में भेज चुके हैं। ये काम कोई भ्रष्टाचारी नहीं कर सकता है। बीते वर्षों में सरकार के प्रयासों से भारत का कृषि निर्यात बहुत अधिक बढ़ा है। इससे किसानों को उनकी उपज की ज्यादा कीमत मिलने लगी है। कई कृषि उत्पादों का पहली बार निर्यात शुरू हुआ है। अब इस वर्ष के बजट में मखाना किसानों के लिए मखाना बोर्ड बनाने का ऐलान किया गया है।

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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार

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