श्रीनगर, 31 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि उनके प्रशासन ने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने की कोशिश की है और पिछले पांच वर्षों की उपलब्धियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र शासित प्रदेश के लोगों के प्रति प्रतिबद्धता का रिपोर्ट कार्ड है।
जम्मू-कश्मीर यूटी स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए मनोज सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया है कि उचित समय पर राज्य का दर्जा दिया जाएगा।
आज उपराज्यपाल ने पहले जम्मू-कश्मीर यूटी स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया। एक सुरक्षित और समृद्ध यूटी के लिए अथक काम करने के लिए लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि परिवर्तन के पिछले 5 वर्षों की उपलब्धियां माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रति प्रतिबद्धता का रिपोर्ट कार्ड है।
उन्होंने कहा कि यह एक वास्तविकता है कि जम्मू-कश्मीर आज एक केंद्र शासित प्रदेश है और सदस्यों ने शपथ ली है और संविधान के प्रति अपनी सच्ची आस्था और निष्ठा की पुष्टि की है उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने आश्वासन दिया है कि उचित समय पर राज्य का दर्जा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में तेजी से विकास के लिए मजबूत नींव रखी गई है। उन्होंने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय मंच पर गर्व से खड़ा है- ऊंचा, आत्मनिर्भर और आत्मविश्वास से भरा हुआ। सभी क्षेत्रों में तेजी से विकास के लिए मजबूत नींव रखी गई है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया है।
मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर की निवेश संभावनाओं के बारे में भी बात की और कहा कि विकास कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी आर्थिक बुनियाद मजबूत है। शांति, स्थिरता, कानून का शासन और समय-परीक्षित लोकतांत्रिक मूल्य जम्मू-कश्मीर को एक आकर्षक निवेश गंतव्य बनाते हैं।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में निवेशकों का विश्वास पिछले चार वर्षों में निवेश के प्रवाह में परिलक्षित होता है। उन्होंने कहा कि मेरा सपना है कि हर परिवार समृद्ध हो। मेरा सपना है कि बुनियादी ढांचे, उद्योगों का तेजी से विकास हो और विकास का फल कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर बैंक में बदलाव का भी जिक्र किया।
इस महीने की शुरुआत में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद जम्मू-कश्मीर में एक निर्वाचित सरकार है। 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था। राज्य के राजनीतिक दल राज्य का दर्जा जल्द बहाल करने की मांग कर रहे हैं।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह