

मुख्यमंत्री ने सवा चार लाख शाला प्रबंधन समिति सदस्यों के साथ किया वीडियो संवाद
गांधीनगर, 28 अप्रैल (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि ज्ञान एवं शिक्षा की 21वीं शताब्दी के बच्चों को विश्व के साथ कदम से कदम मिलाने वाली मूल्यनिष्ठ शिक्षा के लिए शाला प्रबंधन समितियों (एसएमसी) की सहभागिता आवश्यक है। वह सोमवार को राज्यभर के सरकारी, प्राथमिक तथा माध्यमिक विद्यालयों की शाला प्रबंधन समितियों के लगभग सवा चार लाख सदस्यों के साथ संवाद कर रहे थे। गांधीनगर से वीडियो कॉन्फ्रेंस संवाद के जरिए उन्होंने शाला प्रबंधन समितियों के सदस्यों से उनके प्रस्ताव एवं फीडबैक भी लिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अत्याधुनिक शिक्षा व्यवस्था के आयाम अपनाए हैं। शिक्षक भी अब बच्चों की स्कूल में उपस्थिति सहित पढ़ाई से जुड़ी सूक्ष्म से सूक्ष्म बातों का ध्यान रखते हैं। ऐसी स्थिति में एसएमसी को भी उनके साथ सक्रियता से जुड़कर अपने गाँव के स्कूल तथा बच्चों के शिक्षा स्तर को अधिक उन्नत बनाना चाहिए। उन्होंने अपेक्षा व्यक्त कि एसएमसी के सदस्य नियमित रूप से बैठक आयोजित कर स्कूल की सुविधाओं, बच्चों की उपस्थिति, पढ़ाई आदि विषयों का सर्वग्राही मूल्यांकन कर अपने सुझाव दें। आज जब शिक्षा ही विकास का मुख्य आधार है, तब प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए ‘सबका साथ-सबका विकास’ के ध्येय को साकार करने के लिए बच्चों को अवश्य पढ़ाएँ और सब साथ मिलकर ‘विकसित भारत के लिए विकसित गुजरात’ का निर्माण करें।
मुख्यमंत्री ने इस वीडियो संवाद में प्रतीक के रूप में जामनगर, बनासकाँठा, दाहोद, महीसागर एवं नवसारी के ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों की प्रबंधन समितियों के सदस्यों के साथ संवाद भी किया। शिक्षा मंत्री डॉ. कुबेरभाई डिंडोर ने स्कूलों में बच्चों के नामांकन, दिव्यांग बच्चों की देखभाल, विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन आदि में एसएमसी की ओर से मिल रही सहभागिता के बारे में बताया। शिक्षा राज्य मंत्री प्रफुल पानसेरिया ने कहा कि मूल्यनिष्ठा आधारित शिक्षा के साथ समरसता पर विशेष फोकस करते हुए बच्चों के चरित्र निर्माण पर हमारा ध्यान हैं। गाँवों के विद्यालयों में किचन गार्डन, कुपोषण मुक्ति के प्रयासों तथा योजनागत लाभ लोगों तक पहुँचाने का शिक्षक तथा एसएमएसी जिस तरह ध्यान रखते हैं, वह काफी प्रशंसनीय हैं।
इस संवाद में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव मुकेश कुमार, मुख्यमंत्री की सचिव अवंतिका सिंह, प्राथमिक शिक्षा निदेशक एमआई जोशी, शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा राज्य के ग्रामीण स्तर तक की एसएमसी के सदस्य शामिल हुए।
(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय
