जयपुर, 10 जनवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि उत्तराखंड में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए पूर्व में चयनित याचिकाकर्ता वॉलीबॉल खिलाडियों को पुनः ट्रायल देने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में दायर याचिका को निस्तारित कर दिया है। जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश दुष्यंत सिंह व चार अन्य खिलाडियों की ओर से दायर याचिका का निपटारा करते हुए दिए। गौरतलब है कि अदालत की ओर से याचिका का निस्तारण करने के चलते पूर्व में ट्रायल पर लगी रोक भी हट गई है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं को पुनः ट्रायल से छूट के बिंदु पर किसी भी पक्ष ने आपत्ति दर्ज नहीं की। इस पर अदालत ने याचिका का निस्तारण करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं को पुनः ट्रायल की जरूरत नहीं है।
याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता आरबी माथुर ने अदालत को बताया था कि वॉलीबॉल के 38वें राष्ट्रीय खेल 28 जनवरी से उत्तराखंड में आयोजित हो रहे हैं। इसके लिए भारतीय ओलम्पिक संघ ने गत 20 दिसंबर को पत्र जारी कर अनिश व्यास की अध्यक्षता में बने राजस्थान ओलम्पिक एसोसिएशन को इस प्रतियोगिता के लिए खिलाड़ियों का चयन करने को कहा। इसकी पालना में राजस्थान ओलम्पिक एसोसिएशन ने याचिकाकर्ताओं सहित अन्य खिलाड़ियों का चयन कर 28 दिसंबर को चयन सूची जारी कर दी। इसके बाद भारतीय ओलम्पिक संघ ने तेजस्वी सिंह की अध्यक्षता वाले राजस्थान ओलम्पिक एसोसिएशन को मान्यता दे दी। याचिका में कहा गया कि अब यह एसोसिएशन नए सिरे से खिलाडियों का ट्रायल कर रही है। जबकि याचिकाकर्ताओं का पूर्व में चयन हो चुका है और उनकी कोचिंग चल रही हैं। दो एसोसिएशन के झगडे में याचिकाकर्ता खिलाडियों के हित प्रभावित हो रहे हैं। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सभी पक्षों की सहमति से याचिकाकर्ताओं को पुनः ट्रायल देने की जरूरत नहीं बताई है।
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(Udaipur Kiran)