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श्रीलंकाई राष्ट्रपति पर मतदाताओं को रिश्वत देने का आरोप, राष्ट्रपति ने किया खंडन

कोलंबो, 20 अप्रैल (Udaipur Kiran) । श्रीलंका के पूर्व सांसद और इलंकाई तमिल अरासु काची (आईटीएके) के महासचिव एम.ए. सुमंथिरन ने राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके पर मतदाताओं को रिश्वत देने का गंभीर आरोप लगाया है। सुमंथिरन का कहना है कि राष्ट्रपति ने यह कहकर वोटरों को लुभाने की कोशिश की कि सरकारी फंड्स केवल उन परिषदों को आसानी से दिए जाएंगे जो सत्तारूढ़ नेशनल पीपल्स पावर (एनपीपी) के अधीन हैं, अन्य किसी को नहीं। हालांकि राष्ट्रपति दिसानायके ने रिश्वत संबंधी आरोपों को नकारा दिया है और कहा है कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।

पूर्व सांसद सुमंथिरन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राष्ट्रपति बार-बार मतदाताओं से यह वादा कर रहे हैं कि फंड्स केवल एनपीपी द्वारा शासित परिषदों को दिए जाएंगे। उन्होंने इसे एक चुनावी अपराध करार देते हुए कहा कि यह बयान सरासर गलत और गैरकानूनी है।

वहीं, राष्ट्रपति दिसानायके ने इस पर सफाई देते हुए नुवारा एलिया में एक चुनावी रैली में कहा कि उनका आशय यह था कि जो स्थानीय निकाय भ्रष्टाचार और गड़बड़ी से ग्रस्त हैं, उन्हें फंड्स नहीं दिए जाएंगे। उन्होंने कहा, “केंद्रीय सरकार खजाने में धन एकत्र करने के लिए गलत इस्तेमाल और लूट को रोकने का प्रयास करती है। यदि कोई स्थानीय निकाय वह नीति नहीं अपनाता और धन का दुरुपयोग करता है, तो हम उन्हें फंड नहीं देंगे। हम जनता के पैसों के दुरुपयोग को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय

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