
धेमाजी (असम), 12 फरवरी (Udaipur Kiran) । असम के दूसरे सबसे बड़े समुदाय मिसिंग का कृषि आधारित पारंपरिक पर्व ‘पःराग उत्सव’ इस वर्ष भी पूरे उत्साह और धूमधाम से मनाया जा रहा है। सिलापथार के चिली भगवान मिसिंग गांव में 26, 27 और 28 फागुन यानी 11,12 और 13 फरवरी को यह उत्सव पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ आयोजित किया जा रहा है।
मंगलवार को मिसिंग समुदाय के लोगों ने अपने अराध्य देवता सूर्य और चंद्रमा सहित पूर्वजों की पूजा-अर्चना की। धार्मिक विधियों के साथ मुरंगघर उद्घाटन और लाइखुटा स्थापना समारोह संपन्न हुआ। पांच वर्षों के बाद फिर से आयोजित इस उत्सव में ढोल-ताल की गूंज और ओइनितोम लोकगीतों के साथ माहौल उल्लासपूर्ण बन गया।
भगवान मिसिंग गांव विकास समिति और भगवान नवज्योति युवक संघ के तत्वावधान में तथा पःराग उत्सव आयोजन समिति के सहयोग से इस पर्व को व्यापक पैमाने पर मनाया जा रहा है। मुरंगघर परिसर की सफाई और आवश्यक सामग्रियों की व्यवस्था की जा रही है। लाइखुटा स्थापना समारोह में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
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