Uttar Pradesh

प्रयागराज ने हिन्दी क्षेत्र में कई विभूतियों को जन्म दिया : प्रो. आरसी मिश्र

अतिथिगण

– हिन्दी भारत की स्वयं सिद्ध राष्ट्रभाषा है : प्रो राजेश गर्ग

प्रयागराज, 12 सितम्बर (Udaipur Kiran) । हमीदिया महिला महाविद्यालय के राजभाषा सप्ताह के समापन अवसर पर महाकौशल विश्वविद्यालय जबलपुर मध्य प्रदेश के कुलपति प्रो. आर.सी मिश्र ने कहा कि प्रयागराज ने हिन्दी क्षेत्र में बड़ी-बड़ी विभूतियों को जन्म दिया है।

महादेवी वर्मा, बच्चन, निराला, पन्त, महावीर प्रसाद द्विवेदी, धीरेन्द्र वर्मा, दूधनाथ सिंह जैसी विभूतियां प्रयाग को ही कर्मक्षेत्र बनाकर काम कर रहीं थीं। राजभाषा का आंदोलन चलाने वाले राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन का भी सम्बंध प्रयाग से है। अगर इतिहास का पुनर्लेखन किया जाए तो न जाने कितने अदृश्य हीरो राजभाषा के लिए संघर्ष करने वाले प्रयाग से सम्बन्धित मिलेंगे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा राजभाषा में दी जा रही है। अन्य प्रदेशों में भी चिकित्सा सहित तकनीकी शिक्षा राजभाषा में दिये जाने की ज़रूरत है।

विशिष्ट अतिथि हिन्दी विभाग इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. राजेश कुमार गर्ग ने कहा व्यापक प्रचार एवं जन लोकप्रियता के कारण हिन्दी भारत की स्वयं सिद्ध राष्ट्रभाषा है। संविधान के अनुसार वह राजकाज की भाषा अर्थात राजभाषा भी है। परंतु अंग्रेज़ी के वर्चस्व एवं भाषायी कूटनीति के कारण हिन्दी ही नहीं भारत के अन्य भाषाएं भी सम्यक रूप से विकसित नहीं हो पा रही हैं। यहां तक की शिक्षा का भी पूर्ण माध्यम नहीं बन पा रही हैं। जबकि संविधान का अनुच्छेद 343 स्पष्ट रूप से घोषित करता है कि संघ की राजभाषा हिन्दी है। व्यावहारिक रूप से हिन्दी की राजभाषा पद प्रतिष्ठा के लिए और अधिक प्रयत्नों की आवश्यकता है।

महाविद्यालय की प्राचार्या और उर्दू की ख्यातिलब्ध लेखिका और विद्वान प्रो. नासेहा उस्मानी ने कहा कि हिन्दी देश का गौरव है। दुनिया के सामने हिन्दी हमारी पहचान है। इसमें प्रवीणता और कुशलता हमारा स्वभाव होना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्राचीन इतिहास विभाग की प्रो. नसरीन बेगम ने कहा कि भाषा शीतल पानी की धार की तरह है। आज भारत ही नहीं दुनिया में हिन्दी का प्रचार प्रसार बढ़ा है। उसकी वैश्विक स्थिति मज़बूत हुई है।

इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्राओं ने गीत और काव्यपाठ भी प्रस्तुत किया तथा राजभाषा सप्ताह के दौरान सम्पन्न भाषण, निबन्ध और कहानी लेखन के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। प्रो. सबीहा आज़मी, डॉ. सिद्दीक़ी जाबिर, डॉ. शमारानी, डॉ. शबनम आरा, डॉ. नीरजा वर्मा, डॉ. अंकिता अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में प्राध्यापक और छात्राएं कार्यक्रम में उपस्थित रहीं।

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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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