Uttar Pradesh

मोदी के ऐतिहासिक कदम से जनेऊधारी फिरोज गांधी के पौत्र की जाति भी आएगी सामने : प्रकाश पाल

क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रेस वार्ता करते व अन्य

कानपुर, 05मई (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जातीय जनगणना कराने का निर्णय एक ऐतिहासिक कदम है, जो सामाजिक न्याय की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। 1931 के बाद देश में पहली बार व्यापक जातीय जनगणना का प्रयास किया जा रहा है। देश में सबसे लंबे समय तक राहुल गांधी के पूर्वजों की सरकार रही, परंतु उन्होंने कभी भी जातीय जनगणना को प्राथमिकता नहीं दी। 1951 और 1961 में जब पं. जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री थे, तब भी यह कार्य अधूरा रहा। यह बातें सोमवार को भाजपा कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने कार्यालय में जातीय जनगणना प्रेस वार्ता के दौरान कही।

प्रकाश ने बताया कि इंदिरा गांधी के लंबे शासनकाल, फिर 1991 में कांग्रेस सरकार और 2004 से 2014 तक मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान भी जातीय जनगणना कराने की मांग को नजरअंदाज किया गया। 2011 में भले ही जातीय जनगणना कराई गई थी, लेकिन उसके आंकड़े आज तक सार्वजनिक नहीं किए गए, क्योंकि कांग्रेस कभी नहीं चाहती थी कि देश में जातीय सच्चाई सामने आए। कांग्रेस हमेशा ओबीसी, एससी वर्ग को भ्रमित करने और वोटबैंक की राजनीति करने में लगी रही।

क्षेत्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मुस्लिम समाज को भी उनके अधिकारों से वंचित रखा गया, क्योंकि जिन्ना ने भी कभी मुस्लिम समाज की जातिगत पहचान को उजागर नहीं होने दिया था वहीं काम कांग्रेस करती रही । अब मुस्लिम समाज में भी आर्थिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग को जातीय जनगणना होने से लाभ मिल सकेगा। जातीय जनगणना से न सिर्फ सामाजिक न्याय को मजबूती मिलेगी, बल्कि यह भी स्पष्ट होगा कि जो लोग जनेऊधारी बनकर घूमते हैं, उनकी असली जाति क्या है। साथ ही देश को यह भी ज्ञात होगा कि फिरोज गांधी का असली पौत्र कौन है।

इस दाैरान गणेश यादव, राम प्रसाद कनौजिया, संजय विश्वकर्मा, अमित प्रजापति,पंकज कुशवाहा, नितिन सचान, एल.बी. सिंह पटेल, कुशवाहा अनिल पाल, राघव कश्यप, शालिनी कटियार, प्रभात पाल, महेश पाल, राजकुमार पाल, पप्पू पाल एवं सैकड़ों की संख्या में जिला-मंडल के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / मो0 महमूद

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