जयपुर, 20 सितंबर (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना’ की प्रथम वर्षगांठ पर कौशल विकास एवं उद्यमशिलता मंत्रालय (एमएसडीई) भारत सरकार द्वारा शुक्रवार को वर्धा महाराष्ट्र में आयोजित कार्यक्रम से आईटीआई जयपुर से योजना अंतर्गत प्रशिक्षित लाभार्थी वर्चुवली जुड़े। उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के मुख्य आतिथ्य में यह कार्यक्रम जयपुर के झालाना स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर के ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया।
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि हुनरमंद कलाकार लोग एक साल पहले यह सोच भी नहीं सकते थे कि उनके उत्थान के बारे में कोई सोचता है। किन्तु दूरदृष्टि और संवेदनशीलता के धनी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने शानदार विजन के अनुसार आज से एक साल पहले ऐसे हाथ से काम करने कारीगरों और कलाकारों के लिए ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना’ को शुरू किया। दीया कुमारी ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन अनुसार इस योजना की शानदार सफलता का एक साल पूरा होना गर्व का विषय है। 18 पारम्परिक कलाओं से जुड़े कारीगरों और शिल्पकारों को आगे बढ़ने का अवसर मिला है। यह समारोह इस योजना की सफलता की कहानी बता रहा है। हाथ के कारीगरों, हुनरमंद कलाकारों के लिए योजना वरदान साबित हो रही है। छोटे स्तर पर काम करने वाले इन कारीगरों एवं शिल्पकारों को आगे बढ़ने का अवसर मिल रहा है। व्यवसाय आगे बढ़ाने के लिए आसानी से ऋण मिल रहा है, कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। और टूलकिट खरीदने के लिए ई – वाउचर दिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच हुनर से होगा देश का नवनिर्माण इस योजना के माध्यम से साकार हो रही है। यह एक ऐसी योजना है जिससे हुनरमंद हाथ के कारीगरों को, कलाकारों को एक बार ही नहीं अपितु बार-बार लाभ होगा। प्रधानमंत्री वोकल फोर लोकल’ की सोच के साथ देश को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमें संकल्प लेना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा हुनर मंद लोगों को योजना की जानकारी दी जाए, ताकि वो इस योजना से जुड़कर लाभ उठा सकें और आगे बढ़ सकें। दीया कुमारी ने कहा कि मुझे खुशी हैं कि इस योजना से पुरुष कारीगर लोगों के साथ ही महिला कारीगर भी जुड़ रही है। उन्होंने कहा कि आज आरआईसी परिसर में आयोजित प्रदर्शनी में मुझे महिला कारीगरों और हस्त शिल्पियों की संख्या ज्यादा दिखी हैं। यह इस योजना से महिला उत्थान का भी एक अच्छा उदाहरण है। योजना से महिला कलाकारों को भी लाभ हो रहा हैं, वे आगे बढ़ रही हैं यह बहुत शानदार और प्रसन्नता की बात है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की थी। योजना में 18 व्यवसायों के कारीगरों और शिल्पकारों को उनके हाथों और औजारों से काम करने में सहायता प्रदान की जाती है। पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से कारीगरों और शिल्पकारों को मान्यता दी जाती है। उनका कौशल उन्नयन करने के लिए पांच-सात दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिन या उससे अधिक का उन्नत प्रशिक्षण दिया जाता है। जिसमें प्रतिदिन 500 रुपये का वजीफा और 1000 रुपये का परिवहन भत्ता दिया जाता है। कारीगरों और शिल्पकारों के प्रोत्साहन के लिए टूलकिट खरीदने के लिए ई-वाउचर के माध्यम से 15 हजार रुपये तक की टूलकिट प्रोत्साहन राशि दी जाती है। 18 महीने और 30 महीने की अवधि के साथ क्रमशः एक लाख रुपये और दाे लाख रुपये की दो किस्तों में तीन लाख रुपये तक के जमानत मुक्त ‘उद्यम विकास ऋण’ दिया जाता है।
इस अवसर पर जयपुर शहर की सांसद श्रीमती मंजू शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि कारीगरों और शिल्पकारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना’ शुरू की है। इसका उद्देश्य ‘विरासत भी विकास भी’ है। सांसद ने कहा कि माल बनाने में मदद करने के बाद उस माल को बेचने का अवसर दिया जा रहा है। डिजिटल पेमेंट किया जाता है। समाज में आसपास वालों को इस योजना से जुड़ने के लिए योजना की जानकारी दी जावें। उन्होंने कहा कि इस योजना खुद जाने और दूसरों को इसकी जानकारी दें। सिविल लाईन्स विधायक गोपाल शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि लोकप्रिय प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर सेवा पखवाड़ा चल रहा है। हम प्रधानमंत्री की अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करते हैं। विश्वकर्मा योजना का सुफल पक्ष है कि पारम्परिक कलाओं को उन्नति का अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आज अहिल्या बाई होल्कर और आचार्य चाणक्य के नाम से योजनाएं शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा योजना की बड़ी सफलता का उल्लेख इस बात से किया जाना चाहिए कि इस योजना में चार लाख 28 हजार आवेदन किये गए जिनमें से एक लाख 30 हजार को लोन सेंक्शन हो गया, यानि चार में से एक को ऋण स्वीकृति की गारंटी है। उन्होंने कहा कि आइये और ऋण स्वीकृति पाइये ऋण ले जाइये, ऋण चुकाईये और फिर ऋण ले जाइये और आगे बढ़ते जाइये। उन्होंने कहा कि अभी प्रशिक्षण में राजस्थान तीसरे नम्बर पर है हम उम्मीद करते हैं कि कुछ समय में हम नम्बर एक पर आ जायेंगे। इस अवसर पर कारीगरों और शिल्पियों को एक लाख रूपये के ऋण के चेक वितरित किये गए। वर्धा से पीएम विश्वकर्मा कार्यक्रम का लाइव स्ट्रीमिंग हुई।विश्वकर्माओं को कौशल प्रमाण पत्र एवं अन्य लाभ वितरित किये गये।
इस अवसर पर आयुक्त कौशल, रोजगार और उद्यमिता विभाग हृदेश कुमार शर्मा, निदेशक प्रशिक्षण प्राविधिक शिक्षा एन. के. गुप्ता, क्षेत्रीय निदेशक आरडीएसडीई एस.एस.नायक एवं अन्य जन प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। साथ ही कार्यक्रम में विश्वकर्मा योजना के लगभग 200 प्रशिक्षु/लाभार्थी भी उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / रोहित