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एससी एसटी मामले में प्रधान व उसके साथी को तीन-तीन वर्ष की कैद

एससी एसटी मामले में प्रधान व उसके साथी को तीन-तीन वर्ष की कैद

अदालत ने प्रत्येक पर लगाया नौ हजार का अर्थदंडहमीरपुर, 27 नवम्बर (Udaipur Kiran) । बुधवार को एससीएसटी के 16 साल पुराने मामले में विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट सुशील कुमार खरवार की अदालत ने दो दोषियों को तीन-तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने प्रत्येक पर नौ हजार का अर्थदंड भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। जबकि एक आरोपी को दोषमुक्त किया है और एक की फाइल किशोर न्याय बोर्ड स्थानांतरित की गई है।

विशेष लोक अभियोजक विजय सिंह ने अदालत को बताया कि कुरारा थानाक्षेत्र के करियापुर ककरऊ निवासी पीड़ित बालकिशुन ने सदर कोतवाली में तहरीर दी थी। बताया था कि वह लक्ष्मीबाई पार्क के पास माया देवी अहिरवार के मकान में किराये पर रहकर पढ़ाता है। चार सितंबर 2008 की रात्रि को वह अपने कमरे में अपने साथी संजय कुमार व चाचा लाखन खा पीकर सो रहे थे। रात्रि करीब साढ़े 12 बजे चकोठी निवासी प्रधान राकेश कुमार हाथ में रायफल लिए, कुछेछा निवासी अशोक कुमार दीक्षित दो नाली बंदूक व टीकापुर निवासी ललित कुमार तिवारी व बीरू उसके कमरे में आए और दरवाजा खटखटाने लगे। दरवाजे पर लात मारकर गाली-गलौज करते हुए खुलवाने लगे। उसने दरवाजा खोलकर देखा तो उक्त लोगों के पास असलहा थे और स्कार्पिओ दरवाजे के सामने खड़ी थी।

प्रधान ने गाली गलौज करते हुए गुंडा टैक्स के 30 हजार रुपये मांग रहा था। न देने पर जान से मार देने की धमकी दे रहा था। उसकी मंशा को देखते हुए वह लघुशंका के बहाने भागा। इस पर अशोक कुमार दीक्षित ने हवाई फायर झोंक दिया। करीब आधा घंटा बाद उसके गांव के संजय कुमार ने मोबाइल से बताया कि उसके चाचा को प्रधान व उसके साथी कमरे में घुसकर मारते-पीटते खींचकर गाड़ी में बैठाकर कहीं ले गए हैं। जिस पर वह अपने कमरे आया और उसे लेकर चाचा को खोजने लगा। काफी खोजबीन के बाद मेरापुर में सड़क किनारे वह मिला। बताया कि उसे प्रधान व उसके साथी उसे पकड़कर खेत में मारपीट कर उसका पता पूछ रहे थे। गांव के कुछ लोगों के आ जाने पर वह मौका पाकर भाग आया है। अदालत ने तत्कालीन प्रधान राकेश व उसके साथी ललित कुमार तिवारी को सजा सुनाई है। जबकि साक्ष्य न मिलने पर आरोपी अशोक दीक्षित को दोषमुक्त कर दिया। वहीं नाबालिग आरोपी की फाइल किशोर न्याय बोर्ड भेजी गई है।

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(Udaipur Kiran) / पंकज मिश्रा

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