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नेपाल में नई सरकार गठन को लेकर प्रचंड के बयान से राजनीति गरमाई

नेपाल के सत्ता गठबंधन के नेता ओली और देउवा

काठमांडू, 17 अप्रैल (Udaipur Kiran) । नेपाल के प्रमुख प्रतिपक्षी दल के नेता पुष्प कमल दहाल ‘प्रचंड’ के उस बयान के बाद राजनीति गरमा गई है, जिसमें उन्होंने ओली सरकार के जल्द ही गिरने और सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व में नई सरकार के गठन का दावा किया था। अब सत्तारूढ़ दल के नेताओं की अपनी ही सरकार की लगातार आलोचना से विश्वास का संकट खड़ा हो गया है।

वर्तमान ओली सरकार के खिलाफ जागरण अभियान चला रहे माओवादी पार्टी के अध्यक्ष प्रचंड ने बुधवार की सुबह नवलपरासी जिले से एक बयान दिया था कि देश में नई सरकार के गठन को लेकर उनकी पार्टी और सत्तारूढ़ दल नेपाली कांग्रेस के नेताओं से लगातार बातचीत चल रही है। प्रचंड यही नहीं रुके, उन्होंने आगे यह भी कहा कि जल्द ही ओली सरकार का पतन होगा और नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व में नई सरकार गठन होने वाला है। प्रचंड के इस बयान के बाद बुधवार की शाम को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने गठबंधन के दो प्रमुख घटक दलों कांग्रेस और एमाले के शीर्ष नेताओं की बैठक बुलाई। इस बैठक से नेपाली कांग्रेस पार्टी के दो बड़े पदाधिकारी नदारद रहे, जिससे गठबंधन में दरार आने की चर्चा को और अधिक बल मिला।

कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष और सरकार संचालन के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति के संयोजक रहे पूर्ण बहादुर खड़का और पार्टी के महामंत्री गगन थापा के इस बैठक में सहभागी नहीं होने के बाद राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज हो गई। बुधवार को देर रात तक चली इस बैठक में शामिल गृह मंत्री रमेश लेखक ने बैठक के बाद बाहर आकर मीडिया को बताया कि गठबंधन में कोई दरार नहीं है और मिल कर सरकार संचालन करने की प्रतिबद्धता दोहराई गई है। उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेताओं की ओर से सरकार की सार्वजनिक आलोचना किए जाने को गठबंधन धर्म के विपरीत बताया।

गुरुवार की सुबह से ही गठबंधन के दोनों प्रमुख घटक दल की अलग-अलग बैठक हुई। नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउवा ने सुबह ही पार्टी के सभी पदाधिकारियों और सरकार में शामिल मंत्रियों की संयुक्त बैठक कर गठबंधन में कोई भी समस्या नहीं रहने का संकेत दिया है। इस बैठक में सहभागी पार्टी के प्रवक्ता डॉ. प्रकाश शरण महत ने कहा कि पार्टी के सभी नेताओं को हिदायत दी गई है कि कोई भी सरकार की आलोचना न करे। जिसको भी अपनी बात कहनी है वो पार्टी की बैठकों में या गठबंधन की बैठक में रखे।

उधर गुरुवार को ही प्रधानमंत्री ओली ने पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई, जिसमें गठबंधन में आई समस्या पर विचार किया गया। पार्टी के प्रवक्ता प्रदीप ज्ञवाली ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के कुछ बड़े नेताओं और पदाधिकारियों की तरफ से सरकार के कामकाज की सार्वजनिक आलोचना के कारण अविश्वास का संकट जैसा दिख रहा है, पर हकीकत में ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि जो भी आपसी मतभेद हैं, उनको बैठक में सुलझा लिया जाएगा।

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(Udaipur Kiran) / पंकज दास

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