
रांची, 12 मार्च (Udaipur Kiran) । राज्यो के इंडस्ट्रीयल फीडर में बार-बार पावर कट की समस्या को लेकर बुधवार को चेंबर के एनर्जी उप समिति के अध्यक्ष एनके पाटोदिया के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल विद्युत आपूर्ति के महाप्रबंधक (जीएम) मनमोहन कुमार के साथ वार्ता की।
इस मौके पर जीएम ने आश्वस्त किया कि चैंबर की ओर से दी गई सूची पर जहां भी एबी स्विच लगाने की जरूरत होगी, लगाकर पावरकट की समस्या को कम किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मेंटेनेंस के लिए फिक्स टाइम निर्धारित करने तथा उसका प्रकाशन समाचार पत्रों में करने के आग्रह पर उन्होंने टीएसई सप्लाई को कार्रवाई के लिए कहा। इसके अलावा रांची में जहां-जहां अंडरग्राउंड केबलिंग हुई है, वहां से ओवरहेड लाइन को हटाने की बात पर जीएम ने कहा कि इसे हटाने से बरसात के दिन में स्टैंड बाय लाइन की समस्या हो सकती है। इसलिए इसे मेंटेन करके रखा जायेगा। वहीं स्मॉर्ट मीटर के फास्ट रीडिंग की बात पर विमर्श के क्रम में यह तय हुआ कि स्मॉर्ट मीटर बहुत सी खूबियां हैं।
स्मार्ट मीटर की दी जाएगी जानकारी
महाप्रबंधक ने कहा कि उपभोक्ताओं को स्मॉर्ट मीटर कैसे ऑपरेट करना है, इसकी विधिवत जानकारी मोबाइल एप्प और समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचारित की जायेगी। यह बताया गया कि उपभोक्ता स्वयं ही मीटर की रिडींग लेकर विभाग को भेज सकते हैं, उसी बेसिस पर उनका बिल बना दिया जायेगा। जेबीवीएनएल के पोर्टल पर भुगतान की समस्या को दूर करने की बात पर अवगत कराया गया कि पोर्टल की समस्या को दूर कर लिया गया है, आगे से भुगतान में कोई समस्या नहीं होगी। वहीं बार-बार पावरकट की समस्या के समाधान के लिए बताया गया कि सुप्रिटेंडेंट इंजीनियर एक टाइम शिडयूल बनाकर उसे सर्कुलेट करेंगे कि किस फीडर पर कब मेंटेंनेस के लिए पावरकट होगा।
उन्होंने कहा कि नये कनेक्शन में अधिक देरी की समस्या पर विभाग अध्ययन कर, समस्या को हरसंभव दूर करने का प्रयास करेगा। सिक्योरिटी पर ब्याज विशेषकर डोमेस्टिक और कमर्शियल कंज्यूमर को मिले, इसपर जीएम ने बताया कि साल में एक बार इंडस्ट्रीयल उपभोक्ताओं को सिक्योरिटी पर ब्याज दिया जा रहा है। डोमेस्टिक और कमर्शियल उपभोक्ताओं को भी मिले, इसके लिए वे अपने स्तर से एक प्रस्ताव हेडक्वार्टर को भेंजेंगे। इंस्टॉलमेंट में भुगतान का विकल्प उपभोक्ताओं को नियमित रूप से मंथली बिल नहीं मिलने की शिकायत पर चैंबर ने यह सुझाया कि यदि किसी का बिल 4-5 माह का है तो उसे बिना डीपीएस के 4-5 इंस्टॉलमेंट में भुगतान का विकल्प दिया जाय। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में पोर्टल में इंस्टॉलमेंट पर भुगतान करने की सुविधा है पर डीपीएस नहीं लगने की व्यवस्था नहीं है। इस हेतु उच्चाधिकारियों से वार्ता कर, चैंबर को अवगत कराने की बात कही गई।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि सप्लाई कोड के अनुसार जितने घंटे बिजली नहीं मिलेगी, उतने घंटे का उपभोक्ताओं के बिल में क्रेडिट भी प्रदान किये जाने का प्रावधान है। जीएम ने कहा कि यह सुविधा वर्तमान में इंडस्ट्रीज को दी जा रही है, डोमेस्टिक व कमर्शियल कंज्यूमर के लिए प्रयास करेंगे कि अप्रैल माह में यह व्यवस्था चालू हो जाय। डेडीकेटेड फीडर जो उपभोक्ताओं के पैसे से बनवाया गया है, पर अन्य उपभोक्ताओं का लोड कनेक्ट करने की बात पर अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि इस संबंध में निचले स्तर के अधिकारियों को जरुरी निर्देश दिया जायेगा।
प्रतिनिधिमंडल में चैंबर के एनर्जी उप समिति के चेयरमेन एनके पाटोदिया, सदस्य प्रमोद सारस्वत, एचपी बियानी, महेंद्र जैन, शशांक भारद्वाज, आनंद जालान, राजू चौधरी, तेजविंदर सिंह, विभाग के सुप्रिटेंडेट इंजीनियर डीएन साहू, कार्यपालक अभियंता हिमांशु कुमार, डीजीएम अमित खलखो, एमआरटी पुरूषोत्तम मिश्रा समेत अन्य मौजूद थे।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
