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भारत में पिछले 6 वर्षों में महिला कार्यबल भागीदारी में रहा सकारात्मक रुझान : डावरा

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रम एवं रोजगार सचिव सुमिता डावरा

नई दिल्ली, 05 मार्च (Udaipur Kiran) । श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने बुधवार को कहा कि भारत में पिछले छह वर्षों में महिला कार्यबल भागीदारी में सकारात्मक रुझान देखा गया है। उन्‍होंने भारत में महिला कार्यबल भागीदारी में सुधार पर आयोजित एक गोलमेज चर्चा के दौरान यह बात कही।

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि सचिव सुमिता डावरा ने मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में भारत में महिला कार्यबल भागीदारी में सुधार पर एक गोलमेज चर्चा के दौरान कहा कि भारत में पिछले छह वर्षों में महिला कार्यबल भागीदारी में सकारात्मक रुझान देखा गया है। गोलमेज चर्चा 3 और 4 मार्च को आयोजित की गई थी। डावरा ने कहा कि यह कार्यक्रम 70 फीसदी महिला कार्यबल भागीदारी के विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

उन्होंने बताया कि 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं के लिए श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) 2017-18 में 22.0 फीसदी से बढ़कर 2023-24 में 40.3 फीसदी हो गया है, जबकि इसी अवधि में महिलाओं के लिए श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 23.3 फीसदी से बढ़कर 41.7 फीसदी हो गई है। उल्लेखनीय रूप से महिला बेरोजगारी दर 5.6 फीसदी से घटकर मात्र 3.2 फीसदी रह गई है, जो अधिक समावेशिता और आर्थिक सशक्तीकरण की ओर बदलाव को दर्शाता है।

गोलमेज सम्मेलन में चार मुख्य विषयों देखभाल पारिस्थितिकी तंत्र, नौकरियों एवं कौशल का भविष्य, सुरक्षित और न्यायसंगत कार्यस्थल तथा एआई और डिजिटल हस्तक्षेप पर ध्यान केंद्रित किया गया। श्रम और रोजगार मंत्रालय ने अपने अधिदेश के तहत महिलाओं की कार्यबल भागीदारी को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य क्षेत्रों की पहचान की।

इस अवसर पर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के संयुक्त सचिव अजय शर्मा ने इस महत्वपूर्ण संवाद को सुविधाजनक बनाने के लिए सभी प्रतिभागियों और एलबीएसएनएए के प्रति आभार जताया और महिला कार्यबल समावेशन के लिए इन विचार-विमर्शों को मापने योग्य प्रगति में बदलने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता दोहराई।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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