जयपुर, 24 जुलाई (Udaipur Kiran) । जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार द्वारा जनजातीय क्षेत्रों में गरीब आदिवासी किसानों को नि:शुल्क फव्वारा सेट, मिनी स्प्रिंकलर, मिनी ड्रीप संयत्र तथा कृषि उपकरणों की खरीद के लिए अनुदान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव प्राप्त होने पर आवश्यकता एवं बजट की उपलब्धता के आधार पर अतिरिक्त अनुदान देने के संबंध में विचार किया जाएगा।
जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जनजाति क्षेत्रों के गरीब आदिवासी किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाएं संचालित हैं। उन्होंने बताया कि पीएम कुसुम-सी योजना में सोलर पंप के लिए सम्पूर्ण राशि का वहन सरकार द्वारा किया जाता है। जनजातीय क्षेत्रों में किसानों को सिंचाई पाइपलाइन के लिए कृषि विभाग द्वारा 60 प्रतिशत, जनजातीय विभाग द्वारा 30 प्रतिशत राशि की सहायता दी जाती है। किसानों द्वारा केवल 10 प्रतिशत राशि वहन की जाती है। जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा संबंधित विभागों को योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए राशि हस्तांरित की जाती है।
इससे पहले गणेश घोघरा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने बताया कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा कृषि एवं उद्यानिकी संबंधी कार्य संबंधित विभागों के माध्यम से क्रियान्वित कराये जाते हैं। वर्तमान में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग से जनजाति बाहुल्य क्षेत्र डूंगरपुर में गरीब आदिवासी किसानों को नि:शुल्क फव्वारा सेट, मिनी स्प्रिंकलर, मिनी ड्रीप संयत्र तथा कृषि उपकरण देने अतिरिक्त अनुदान संबंधी कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने बताया कि कार्यकारी विभाग के स्तर से इस संबंध में प्रस्ताव प्राप्त होने पर उनकी आवश्यकता, बजट की उपलब्धता एवं उपादेयता के आधार पर अतिरिक्त अनुदान देने के लिए विचार किया जा सकता है।
(Udaipur Kiran) / संदीप / पवन कुमार श्रीवास्तव