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आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष व अन्य का दूसरी बार पॉलीग्राफ टेस्ट

कोलकाता, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (आरजीकेएमसीएच) के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष और पांच अन्य लोगों का दूसरी बार पॉलीग्राफ टेस्ट शुरू किया। यह टेस्ट संस्थान में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले की जांच के तहत किया जा रहा है।

सीबीआई अधिकारी के अनुसार, पिछले 10 दिनों के दौरान पूछताछ के दौरान संदीप घोष ने कई बार असंगत उत्तर दिए, जिसके चलते अधिकारियों ने फिर से पॉलीग्राफ टेस्ट करने का फैसला किया। इससे पहले, शनिवार को घोष और पांच अन्य पर सीबीआई ने झूठ पकड़ने वाला परीक्षण किया था, जबकि रविवार को गिरफ्तार आरोपित संजय रॉय का प्रेसीडेंसी सुधार गृह में परीक्षण किया गया।

इसके अलावा, घोष और पूर्व चिकित्सा अधीक्षक और उप-प्राचार्य संजय वशिष्ठ पर संस्थान में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की भी जांच की जा रही है।

यह मामला नौ अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या पर केंद्रित है। इस अपराध के सिलसिले में अगले दिन एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया गया था। इस जघन्य अपराध के कारण देशभर में डॉक्टरों और नागरिकों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए गए थे।

रविवार को सीबीआई ने संदीप घोष और संजय वशिष्ठ के घरों की तलाशी ली। सोमवार सुबह घोष ने साल्ट लेक में केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में फाइलें और दस्तावेज पेश किए, जबकि वशिष्ठ निजाम पैलेस में पेश हुए, जहां फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के एक प्रोफेसर से भी पूछताछ की गई।

एजेंसी ने कोलकाता में 13 अन्य स्थानों की भी तलाशी ली, जिनमें अस्पताल से जुड़े मरीजों की देखभाल और प्रबंधन आपूर्ति से संबंधित लोगों के घर और कार्यालय शामिल थे।

अधिकारी ने बताया, कल की तलाशी के बाद, हमारे पास उनसे पूछने के लिए कई सवाल हैं।

यह कार्रवाई आरजीकेएमसीएच के पूर्व उप अधीक्षक अख्तर अली की शिकायत के बाद की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि संदीप घोष और उनके सहयोगियों ने स्वास्थ्य विभाग और कॉलेज परिषद की अनुमति के बिना भोजन स्टाल, कैफे, कैंटीन और शौचालयों के निर्माण के लिए टेंडर जारी किए थे। प्रारंभिक जांच में पता चला कि तीन व्यापारियों को ये अवैध टेंडर दिए गए थे। कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई ने हत्या और कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच शुरू की।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर पाश

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