मुंबई, 23 जनवरी (Udaipur Kiran) । फिल्म अभिनेता सैफ अली खान पर हुए हमले के बाद रामनीति गरमा गई है। शिवसेना शिंदे समूह के नेता संजय निरुपम और भाजपा के नेता मंत्री नीतेश नारायण राणे ने हमले पर संदेह जताया है, जबकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने सैफ पर हुए हमले पर संदेह जताने वालों को कड़ी लताड़ लगाई है। बावनकुले ने कहा कि इस तरह के हमलों पर आशंका व्यक्त करना इंसानियत के हिसाब से उचित नहीं है।
सैफ अली खान पर 16 जनवरी की रात को उनके आवास पर चाकू से हमला किया गया था। शिंदे समूह की शिवसेना के नेता संजय निरुपम ने सबसे पहले सैफ अली खान पर हमले को लेकर संदेह जताया था। निरुपम ने इस बात पर संदेह व्यक्त किया था कि दो बार चाकू घोंपे जाने के बाद सैफ अली खान कैसे ठीक हो गए और इतनी जल्दी चलने लगे। इसके बाद मंत्री नितेश राणे ने भी कहा, आज सैफ अली खान को देखने के बाद मुझे शक हुआ। वह बाहर आए और इस तरह से चले कि मुझे शक हुआ कि क्या उन्हें वाकई चाकू मारा गया था या वह सिर्फ नाटक कर रहे थे। इस तरह के बयान पर शिंदे समूह की शिवसेना की नेता शाइना एनसी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, कुछ राजनेता और मीडिया पुलिस बल पर सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि सैफ अली खान शेर की तरह चलते हैं।
शाइना एनसी ने कहा, मुझे समझ में नहीं आता कि कुछ मीडिया संस्थान और कुछ राजनेता पुलिस की ईमानदारी पर सवाल क्यों उठा रहे हैं। हमें इस हाई प्रोफाइल मामले में व्यक्ति की सुरक्षा के बारे में बात करने की जरूरत है। इस संबंध में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि नेताओं को अगर कुछ लगता है तो उन्हें इस तरह की बयानबाजी के बजाय पुलिस से बात करनी चाहिए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने इस तरह की नकारात्मक बयानबाजी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह इंसानियत के खिलाफ है। सैफ एक अच्छे कलाकार हैं, वे इस संबंध में मंत्री नीतेश राणे से बात करेंगे।
इस मामले में पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता हुसैन दलवाई ने कहा कि हमले के बाद इस तरह की बयानबाजी दुखदायक है। दलवाई ने तो पुलिस जांच पर आशंका व्यक्त की और कहा कि इस मामले में पुलिस ने जिसे आरोपित बता रही है, वह पहले जारी किए गए फोटो से भिन्न है।
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(Udaipur Kiran) यादव