West Bengal

ममता बनर्जी के यूके दौरे के दौरान विरोध प्रदर्शन पर बंगाल में सियासी संग्राम

ममता बनर्जी के यूके दौरे के दौरान विरोध प्रदर्शन

कोलकाता, 28 मार्च (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के यूनाइटेड किंगडम (यूके) में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से संबद्ध केलॉग कॉलेज में दिए गए भाषण के दौरान हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर बंगाल की सियासत गरमा गई है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इसे भारत का अपमान करार दिया है, जबकि विपक्षी दल भाजपा और माकपा ने इसे मुख्यमंत्री की नीतियों के खिलाफ स्वाभाविक आक्रोश बताया है।

मुख्यमंत्री के इस संबोधन के दौरान भारतीय छात्रों के एक समूह ने विरोध जताया, जिसमें स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की यूके इकाई भी शामिल थी। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं।

तृणमूल कांग्रेस के महासचिव कुणाल घोष, जो ममता बनर्जी के साथ यूके दौरे पर हैं, ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पूरे घटनाक्रम को बेहद संयम के साथ संभाला। उन्होंने कहा कि जो लोग इस तरह का विरोध कर रहे थे, उन्हें आखिरकार वहां से पीछे हटना पड़ा। यह मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बंगाल की प्रगति से जलने वालों की साजिश थी।

युवा तृणमूल कांग्रेस नेता देबांशु भट्टाचार्य ने इस विरोध को बंगाल विरोधी और मानवता विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिस धैर्य के साथ जवाब दिया, वह उनके आलोचकों के लिए करारा तमाचा था। यह पूरा विरोध पश्चिम बंगाल में बैठे उनके विरोधियों द्वारा रचा गया षड्यंत्र था।

भाजपा और माकपा ने इस विरोध को सही ठहराते हुए कहा कि ममता बनर्जी की नीतियों और शासन से नाराज प्रवासी भारतीयों ने अपनी आवाज बुलंद की। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा कि ममता बनर्जी के झूठ अब विदेशों में भी बेनकाब हो रहे हैं। लंदन में भी बंगाली समुदाय ने उनसे तीखे सवाल किए, जैसे आर.जी. कर अस्पताल में हुई घटना, बंगाल में उद्योगों की बदहाली और हिंदू समाज पर हो रहे हमले।

भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. इंद्रनील खान ने कहा कि अगर यह विरोध भारत में हुआ होता, तो ममता बनर्जी पुलिस के जरिए इसे दबा देतीं, लेकिन विदेशी धरती पर वह कुछ नहीं कर सकीं। बंगाल की सच्चाई अब दुनिया के सामने आ रही है।

वहीं, माकपा के युवा नेता सतरूप घोष ने एसएफआई के यूके इकाई के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि ममता बनर्जी विदेश में जाकर गलत तथ्य पेश कर रही थीं, जिसका वहां के छात्रों ने कड़ा विरोध किया।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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