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भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा के विवादित बयान से मचा सियासी घमासान, गहलोत और जूली ने की निंदा

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अलवर, 7 अप्रैल (Udaipur Kiran) । अलवर जिले के रामगढ़ से पूर्व विधायक और भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा के विवादित बयान से राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। सोशल मीडिया पर वायरल इस बयान को लेकर आमजन में रोष है, वहीं कई राजनीतिक नेताओं ने इसकी कड़ी आलोचना की है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आहूजा के बयान की निंदा करते हुए इसे दलित विरोधी मानसिकता का प्रतीक बताया है।

एक चैनल को दिए इंटरव्यू में ज्ञानदेव आहूजा ने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को हिंदुत्व और सनातन धर्म का विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि कल वे करणी माता गए, आज राम मंदिर पहुंचे हैं। शर्म आनी चाहिए। पानी की त्राहि-त्राहि मची है, ऐसे में कटोरी में पानी डालकर नाक डुबो लेनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मैं बहिष्कार नहीं करूंगा। लेकिन मैं मंदिर में आज नहीं, कल जाऊंगा। जहां इनके अपवित्र चरण पड़े हैं, वहां गंगाजल से शुद्धिकरण कर पूजन करूंगा। यह मेरा संकल्प है। सोमवार को आहूजा ने मंदिर पहुंचकर गंगाजल छिड़का।

उल्लेखनीय है कि 6 अप्रैल को अलवर शहर की शालीमार सोसायटी में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित हुआ था। इसमें नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और वन मंत्री संजय शर्मा ने भी शिरकत की थी।

सोमवार को मीडिया से बातचीत में आहूजा ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि शालीमार सोसायटी में आयोजित श्रीराम मंदिर के कार्यक्रम में उन लोगों को बुलाया गया जिन्होंने भगवान श्रीराम के अस्तित्व को नकारा है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राम जन्म का प्रमाण मांगा था। ऐसे लोगों की उपस्थिति मंदिर को अपवित्र कर देती है। इसलिए गंगाजल से शुद्धिकरण किया गया।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने ट्वीट कर आहूजा के बयान को भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता का उदाहरण बताया। उन्होंने लिखा-“मैंने सदन में छुआछूत के विरुद्ध आवाज उठाई, लेकिन भाजपा नेता मेरे दलित होने के कारण मंदिर में पूजा करने पर गंगाजल से मंदिर शुद्ध करने की बात कर रहे हैं। क्या भगवान पर अब सिर्फ भाजपा नेताओं का अधिकार है?”

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी आहूजा के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा- “21वीं सदी में ऐसी संकीर्ण सोच स्वीकार्य नहीं है। भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह अपने नेता के इस अपमानजनक और घृणित बयान से सहमत है? क्या इस पर कोई कार्रवाई की जाएगी?”

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(Udaipur Kiran) / मनीष कुमार

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