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सियोल, 27 दिसंबर (Udaipur Kiran) । दक्षिण कोरिया में राजनीतिक संकट और गहरा गया। राष्ट्रपति यून सुक येओल की तरह कुछ दिन पहले कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाए गए सत्तारूढ़ पार्टी के प्रधानमंत्री हान डक-सू के खिलाफ नेशनल असेंबली ने महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया। इस तरह प्रधानमंत्री हान को दो सप्ताह से कम समय में सत्ता से बाहर कर दिया गया। कोरिया के संसदीय इतिहास में पहली बार है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री (सरकारी पदानुक्रम में शीर्ष दो पद) दोनों को उनके कर्तव्यों से निलंबित कर दिया गया।
द कोरिया टाइम्स समाचार पत्र के अनुसार तीन सौ सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में 192 सदस्यों वाली मुख्य विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ कोरिया (डीपीके) ने कल हान के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया था। आज नेशनल असेंबली में उस पर मतदान हुआ। 108 सदस्यों वाली सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) ने मतदान का बहिष्कार किया। उन्होंने स्पीकर पर मनमानी करने का आरोप लगाया। अब संवैधानिक न्यायालय के पास यह तय करने के लिए 180 दिन हैं कि हान के महाभियोग को बरकरार रखा जाए या नहीं। महाभियोग पारित होने के बाद अब उप प्रधानमंत्री चोई सांग-मोक को अंतरिम नेतृत्व संभालना होगा। वह देश के वित्तमंत्री भी हैं। महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद हान ने कहा, मैं नेशनल असेंबली के फैसले का सम्मान करता हूं। मैं संवैधानिक न्यायालय के फैसले का इंतजार करूंगा।
प्रधानमंत्री हान ने कार्यवाहक राष्ट्रपति की हैसियत से संवैधानिक न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की नियुक्ति को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। इससे नाराज मुख्य विपक्षी दल ने उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया। यह पूरा विवाद येओल की अल्पकालिक मार्शल लॉ घोषणा से जुड़ा हुआ है।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
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