
• राज्य के 4 शहरों में 33 थानों में शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट
अहमदाबाद, 4 अप्रैल (Udaipur Kiran) । पुलिस रेस्पॉन्स टाइम घटाने के लिए गुजरात सरकार एक अनूठा प्रयोग करेगी। किसी अपराध या घटना के वक्त पुलिस पीसीआर वैन से पहले पुलिस ड्रोन भेजकर सर्विलांस करेगी। फिलहाल इसे राज्य के 4 शहरों के 33 पुलिस थानों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा।
गुजरात पुलिस जीपी-दृष्टि (गुजरात पुलिस-ड्रोन रिस्पोंस एंड एरियल सर्वेलेंस टेक्निकल इन्टरवेन्शन्स) शुरू करने जा रही है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य राज्य में किसी तरह की घटना के समय पुलिस रेस्पोंस टाइम को कम कर पुलिस के काम को प्रभावी बनाना है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी)विकास सहाय ने इस प्रोजेक्ट के संबंध में शुक्रवार को बताया कि घटना के समय पुलिस का रेस्पोंस टाइम और रेस्पोंस की गुणवत्ता मायने रखती है। इसके लिए हाल पीसीआर वैन व्यवस्था उपलब्ध है। परंतु, इस पीसीआर वैन को घटनास्थल पर पहुंचने में समय लगता है। इस समय को कम करने और त्वरित कार्रवाई के लिए गुजरात पुलिस ने ड्रोन का उपयोग करने का निर्णय किया है। इस प्रोजेक्ट के तहत पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर 100 पर घटना की जानकारी होने पर पुलिस कंट्रोल रूम पीसीआर वैन के साथ ड्रोन बेस स्टेशन को भी सूचना देगा। इसके बाद पीसीआर वैन के साथ ड्रोन भी घटनास्थल के लिए रवाना किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के दौरान सूरत और अहमदाबाद में 10 दिन तक प्रयोग किया गया। इसमें पता चला कि ड्रोन पीसीआर वैन की तुलना में आधे से भी कम समय में पहुंच जाता है। कई मामलों में तो यह दो से ढाई मिनट में घटनास्थल के ऊपर पहुंच गया। ड्रोन से मिले फुटेज ड्रोन बेस स्टेशन के अधिकारियों को रियल टाइम बताएगा। इसके आधार पर घटना की गंभीरता और जरूरी पुलिस फोर्स का आयोजन तत्कालीन किया जा सकेगा। पायलट प्रोजेक्ट के बाद ड्रोन की खरीदी शुरू की गई है। हाल 8 ड्रोन प्राप्त हो चुके हैं। वहीं 18 ड्रोन शीघ्र ही मिल जाएगा। प्रथम चरण में अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट के 33 पुलिस थाने में यह लागू होगा। जिन थाना क्षेत्रों में अपराध के मामले अधिक हैं, वहां इसका उपयोग पहले किया जाएगा।
ड्रोन उड़ाकर सूरत पुलिस ने घर से भागी बच्ची को ढूंढ निकाला
3 अप्रैल, 2025 को सूरत के उधना क्षेत्र में रहने वाले एक परिवार की 8 वर्षीय बच्ची पढ़ाई के लिए माता की डांट से नाराज होकर घर से चली गई थी। बच्ची ने माता को बताया कि वह खेलने जा रही है, यह कहकर सुबह 10.30 बजे निकली, लेकिन देर तक घर नहीं लौटी। इसके बाद माता-पिता ने बच्ची को ढूंढना शुरू किया, लेकिन रात 8 बजे तक बच्ची का कुछ अता-पता नहीं चला तो उधना पुलिस थाने में जानकारी दी गई। घटना की गंभीरता को समझते हुए उधना पुलिस ने तत्काल 5 टीम बनाकर जांच शुरू की। बच्ची जब घर से निकली उसके रास्ते में 25 सीसीटीवी चेक किए गए। दुकानों और सरकारी सभी सीसीटीवी खंगाल लिए गए। घंटों तक सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस को थोड़ा संकेत मिला। बच्ची उधना बीआरसी पुलिस चौकी के पास से विजय नगर सब्जी मार्केट की ओर जाती दिखाई दी। पुलिस ने तुरंत ही वहां एक टीम रवाना कर दिया। विजय नगर भीड़ वाली जगह होने से बच्ची को ढूंढना संभव नहीं हो पाया। पुलिस ने भीड़ और संकरी गलियों के बीच ड्रोन उड़ाने का निर्णय किया। सूरत पुलिस के लिए यह पहला मामला था, जब ड्रोन तकनीक का उपयोग कर किसी गुमशुदा की तलाश की जा रही थी।
उधना थाने के पुलिस इंस्पेक्टर एसएन देसाई ने बताया कि करीब 45 मिनट की तलाशी में रात 10 बजे के करीब बच्ची को ढूंढने में सफलता मिली।
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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय
