West Bengal

कसबा : स्थिति संभालने के लिए पुलिस ने किया हल्का बलप्रयोग, कोलकाता पुलिस ने दी सफाई

कसबा में नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन
कसबा में नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों का पुलिस से सामना

मुख्य सचिव बोले- घटना वांछनीय नहीं

कोलकाता, 09 अप्रैल (Udaipur Kiran) । कसबा में नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन के दौरान स्थिति संभालने के लिए कोलकाता पुलिस ने ‘हल्का बलप्रयोग’ किए जाने की बात स्वीकार की है। कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा ने कहा कि पुलिस किसी के खिलाफ नहीं है।

प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग पर पुलिसकर्मियों को लात मारने का आरोप भी लगा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पुलिस आयुक्त ने कहा कि यह घटना उचित नहीं थी। कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंथ ने भी पुलिस आयुक्त के साथ संवाददाताओं से बातचीत में कहा, अगर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है और पुलिस पर हमला किया जाता है, तो कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को कदम उठाने ही पड़ते हैं।

लालबाजार पुलिस मुख्यालय की ओर से एक आधिकारिक बयान में कहा गया, आज कसबा डीआई कार्यालय के बाहर हुई घटना को लेकर स्पष्ट किया जाता है कि पहले एक गुस्साई भीड़ ने बिना किसी उकसावे के पुलिसकर्मियों पर हमला किया। हिंसक व्यवहार किया गया, जिसमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल थीं। चार पुरुष पुलिसकर्मी और दो महिला पुलिसकर्मी घायल होकर अस्पताल में भर्ती हैं।

बयान में यह भी कहा गया कि परिस्थिति को नियंत्रित करने तथा और अधिक नुकसान व घायल होने की घटनाओं से बचने के लिए पुलिस को बाध्य होकर हल्का बलप्रयोग करना पड़ा। मामले की जांच जारी है।

बाद में नवान्न में मुख्य सचिव के साथ पत्रकारों से बात करते हुए कोलकाता पुलिस आयुक्त ने कहा कि पुलिस को पहले से इस तरह के हमले की कोई सूचना नहीं थी। बिना किसी उकसावे के पुलिस पर हमला किया गया। हमारे छह पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से एक की हालत अधिक गंभीर है।

उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस द्वारा लात मारने का जो वीडियो सामने आया है, उसकी भी जांच की जा रही है। जिस वीडियो को दिखाया जा रहा है, उसके पहले का भी एक हिस्सा है, जिसे देखना जरूरी है। हम पूरे मामले की जांच कर रहे हैं।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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