Uttar Pradesh

मदनपुरा में बंद मंदिर में जलाभिषेक करने जा रहे विहिप कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका

जलाभिषेक के लिए जाते कार्यकर्ता:फोटो बच्चा गुप्ता

—पुलिस ने ताला खोलवाने के लिए मांगा समय,बोले कार्यकर्ता—मंदिर में हो आरती और पूजापाठ

वाराणसी,22 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । नगर के संवेदनशील मदनपुरा इलाके में मिले बंद प्राचीन शिवमंदिर में रविवार को जलाभिषेक के लिए जा रहे विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं को पुलिस अफसरों ने रोक लिया। प्राचीन सिद्धेश्वर महादेव के जलाभिषेक के लिए जिद कर रहे कार्यकर्ताओं को पुलिस अफसरों ने समझा—बुझा कर शांत किया।

इसके पहले मंदिर में पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत विहिप कार्यकर्ता इंगलिशिया लाइन स्थित कार्यालय पर जुटे। कार्यकर्ता नारेबाजी कर पैदल ही जलाभिषेक के लिए आगे बढ़े तो कुछ दूर आगे मलदहिया चौराहे के निकट एडीएम सिटी आलोक कुमार और पुलिस अफसरों ने उन्हें रोक लिया ।

विहिप महानगर अध्यक्ष राजेश मिश्रा ने कहा कि हम लोग 12 नदियों के जल से मंदिर में जलाभिषेक करेंगे। अफसरों ने कहा कि मंदिर की विधिक जांच हो रही है। वर्ष 1932 का बैनामा है। छानबीन में थोड़ा वक्त लग रहा है, लेकिन एक सप्ताह में जांच पूरी कर ली जाएगी। जांच पूरी होते ही विभिन्न संगठनों से वार्ता कर जो उचित है, वह किया जाएगा। ऐसे में उम्मीद है कि कुछ दिनों में कार्यकर्ताओं को मंदिर में जलाभिषेक-पूजा की अनुमति दी जा सकती है। बताते चले नगर निगम के दस्तावेज में 1931 में राजा महेंद्र रंजन राय और राधिका रंजन राय ने डी 31/65 मकान के बड़े हिस्से को तत्कालीन हाजी ताज मोहम्मद को बेच दिया था। तत्कालीन दाखिल खारिज में बेची गई सम्पत्ति में मंदिर का कोई जिक्र नहीं है। सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा मंदिर का पौराणिक दस्तावेजों को जुटा रहे है। उनका कहना है कि नगर निगम के 1927 से 1935 तक के दस्तावेज और रजिस्टर में कहीं भी मंदिर के बेचे जाने का जिक्र नही है। नगर निगम से मिले दस्तावेज में अप्रैल 1932 तक इस मकान का नंबर 33/273/274 हुआ करता था। ऐसे में मंदिर सार्वजनिक सम्पत्ति है। उनका दावा है कि मदनपुरा गोल चबूतरा के पास स्थित ताले में बंद मंदिर काशी खंड में वर्णित सिद्धेश्वर महादेव का मंदिर है। स्कन्द पुराण के काशी खंड में केदारेश्वर से उत्तर और पुष्प दंतेश्वर से दक्षिण करीब 18 तीर्थ और पौराणिक महत्व के मंदिर हैं। जिस स्थान का उल्लेख स्कन्द पुराण में है ये मदनपुरा में ही आता है।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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