जयपुर, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । एक हेड कांस्टेबल ने गुरुवार सुबह भांकरोटा थाने की अस्थाई पुलिस चौकी में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना पर मौके पर पहुंच कर पुलिस ने शव को उतार कर अस्पताल पहुंचाया और घटना की जानकारी पुलिस को दी। घटना भांकरोटा थाना इलाके की है। आत्महत्या करने से पहले मृतक ने छह पेज का सुसाइड नोट अपने बैच के साथियों के वाट्सअप ग्रुप के अलावा अन्य कुछ लोगों को भेज दिया। एक मीडियाकर्मी ने सुसाइड नोट की जानकारी पुलिस उपायुक्त जयपुर (पश्चिम) को दी। इस पर पुलिस उपायुक्त ने हैड कांस्टेबल को लेकर थानाधिकारी से जानकारी मांगी। लोकेशन के आधार पर पुलिस उसे खोजते हुए अस्थाई चौकी पर पहुंची तो अंदर से गेट बंद मिला। इस पर खिड़की से झांककर देखा गया तो वह पंखे से फंदे पर लटका हुआ था। इसके बाद गेट तोड़कर हैड कांस्टेबल को उतार कर अस्पताल ले जाया गया। जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
थानाधिकारी राजकुमार मीणा ने बताया कि मृतक हैड कांस्टेबल बाबू लाल पुलिस उपायुक्त जयपुर (पश्चिम) कार्यालय में तैनात था और इससे पहले वह भांकरोटा थाने में तैनात था। किसी मामले में आठ-दस महीने पहले थानाधिकारी चैनाराम, एएसआई और हेड कांस्टेबल बाबूलाल को संस्पेंड (निलंबित) कर दिया। हाल ही हैड कांस्टेबल को बहाल करने के बाद उसकी ड्यूटी पुलिस उपायुक्त जयपुर (पश्चिम) कार्यालय में लगाई थी।
मालखाने का चार्ज सौंपने आया था बाबू लाल, दो-तीन माह पहले ही किया था बहाल
थानाधिकारी ने बताया कि बाबू लाल के पास थाने के माल खाने का चार्ज था। वह लगातार कुछ दिन से मालखाने का चार्ज संभालने के काम में जुटा था। वह मालखाने में रखे अन्य सामान की जानकारी दे चुका था और शराब की जानकारी दे रहा था। इसके लिए वह लगातार थाने या चौकी पर आ रहा था। गुरुवार सुबह साढ़े दस बजे उसने एचएम को फोन कर कहा था कि मालखाने का चार्ज लेने आ जाओ। इस पर एचएम ने किसी काम में फंसे होने की बात कहकर उसे थाने पर बुलाया था। इसके बाद उसके पास डीसीपी पश्चिम का फोन आया और कहा कि बाबू लाल कहां पर है। इस पर उसकी खोजबीन की गई तो उसके आत्महत्या करने का पता चला। हेड कांस्टेबल ने मरने से पहले अपने साथियों के वाट्सएप ग्रुप और कुछ अन्य साथियों को सुसाइड नोट भेजा था। बाबू लाल ने अस्थाई चौकी में वायर से पंखे के फंदा कर जान दी है। अस्थाई चौकी का गेट अंदर से बंद था। मामले की जांच की जा रही है। बाबू लाल को दो-तीन माह पहले ही बहाल किया गया था। बाबू लाल ने छह पेज का सुसाइड नोट लिखा है।
जांच से दुखी होकर उठाया कदम,जांच अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप
हेड कांस्टेबल ने ग्रुप पर डाले गए सुसाइड नोट में उसके खिलाफ चल रही जांच में अधिकारियों द्वारा परेशान किए जाने से दुखी होना लिखा है। मृतक ने सुसाइड नोट में जांच अधिकारियों द्वारा उसे परेशान किए जाने सहित अन्य कई आरोप लगाए है। खास बात यह है कि हेड कांस्टेबल के पास माल खाने का चार्ज था, मालखाने से भी सामान खुर्द-बुर्द होने की बात सामने आ रही थी। वह मालखाने का पूरा हिसाब नहीं दे पा रहा है। मालखाने से पुलिस द्वारा जब्त शराब के कम होने के कारण वह उसकी पूरी जानकारी नहीं दे पा रहा था।
मुकुंदपुरा में जमीन पर कब्जे की शिकायत पर किया गया था सस्पेंड
भांकरोटा के मुकुंदपुरा गांव में आठ बीघा विवादित जमीन पर कब्जा कराने के मामले में पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने करीब एक साल पहले भांकरोटा थानाधिकारी चैना राम और तत्कालीन पुलिस उपायुक्त जयपुर (पश्चिम) संजीव नैन ने एएसआई सुरेन्द्र सिंह व हैड कांस्टेबल बाबूलाल को सस्पेंड (निलम्बित) कर दिया था। मुकुंदपुरा गांव में आठ बीघा जमीन का खातेदार व एग्रीमेंट करने वाले दो पक्षों के बीच विवाद चल रहा था। इस जमीन पर स्टे भी था। इस दौरान थानाधिकारी ने एक पक्ष के साथ मिलीभगत करके कब्जा करवाने में मदद की और पहले से काबिज पक्ष के कुछ लोगों को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद मामला अधिकारियों तक पहुंचा तो हलचल मच गई। उसके बाद थानाधिकारी ने दोनों पक्षों की तरफ से प्रकरण दर्ज कर लिए। मामले की जानकारी पुलिस कमिश्नरेट तक पहुंचने पर मामले की जांच सीनियर अधिकारियों से कराई गई। जिसके बाद थानाधिकारी भांकरोटा चैनाराम नरादणिया को पुलिस कमिश्नरेट बुला कर उनका पक्ष जाना। लेकिन चैनाराम घटना और खुद के द्वारा किए गए काम को स्पष्ट नहीं कर सके। इस पर चैनाराम को सस्पेंड (निलंबित) कर पुलिस लाइन में आमद कराने के आदेश दिए गए थे। वहीं इस पूरे प्रकरण की जांच सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) वैशाली नगर को दी गई थी।
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(Udaipur Kiran)