जबलपुर, 6 सितंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा बिल्डर पर मामला दर्ज करने के आदेश को चार दिन बीत चुके हैं, परंतु ओमती थाने की पुलिस ने बिल्डर पर अभी तक कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं की है जिसको लेकर आवेदक लगातार थाने के चक्कर काट रहा है इस बीच में पुलिस द्वारा यह भी कहा जा रहा था कि उन्हें उच्च न्यायालय से जारी हुए आदेशों की प्रति प्राप्त नहीं हुई है।
आवेदक ने हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी न केवल एसपी बल्कि सीएसपी और संबंधित थाने के थाना प्रभारी को भी सौंप दी है उसके बावजूद पुलिस मामला दर्ज करने में पीछे है शहर में चर्चित हाई प्रोफाइल बिल्डरों के बीच हुई धोखाधड़ी के मामले में ओमती पुलिस की भूमिका संदिग्ध बनी हुई है। बीती रात ओमती थाने में इस बात को लेकर जमकर हो हंगामा भी हुआ था। इस हंगामें के बाद पुलिस के अधिकारियों ने आवेदक को आश्वासन दिया था कि वह आज सुबह हाईकोर्ट के निर्देशानुसार एफआईआर दर्ज कर लेंगे।
धोखाधड़ी के आरोपी बिल्डर चैतन्य सिटी के मालिक आरके प्रमोटर एवं डेवलपर फर्म के पार्टनर आदर्श अग्रवाल और सुशील निगम के खिलाफ अब तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। आवेदक राजेश जैन पिंकी, नीरज गुप्ता और ओमप्रकाश अग्रवाल को एक ही जमीन बेचने एवं धोखाधड़ी करते हुए इनसे 20 लाख, 45 लाख, 65 लाख रुपये हड़प कर लेने के आरोपी बिल्डरों पर कार्यवाही करने से पुलिस बचती नजर आ रही है। सामान्य मामलों में तो कोर्ट का आदेश होते ही तत्काल उसका परिपालन पुलिस द्वारा कर दिया जाता है, लेकिन बिल्डर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश के इस मामले में ओमती थाना पुलिस द्वारा 4 दिन बाद भी उच्च न्यायालय के निदेर्शों का पालन नहीं किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ मामलों में हाईकोर्ट के न्यायाधीश जबलपुर पुलिस की कार्य प्रणाली को लेकर कई बार टिप्पणी कर चुके है। शमीम कबाड़ी वाले मामले में तो कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े कर दिए थे।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक