सोलन, 31 जनवरी (Udaipur Kiran) । जिला के परवाणू में मुम्बई निवासी के साथ हुए डिजिटल अरेस्ट से लाखों की ठगी मामले में पांचवें आरोपी को तमिलनाडू के कोयम्बटूर से गिरफ्तार किया है ।
परवाणू पुलिस थाने में 8 नवम्बर 2024 को निवासी मुम्बई हाल रिहायश सेक्टर-3 परवाणू जिला सोलन ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि 07 अक्टूबर 2024 को इन्हें अनजान मोबाईल से एक व्यक्ति, जिसने अपने आपको कोरियर सर्विस से बतलाया की कॉल आई थी । जिसने इन्हें बतलाया कि इनके आधार कार्ड का उपयोग चीन को पार्सल भेजने के लिये किया गया है, जिसमें अवैध ड्रग्स व कुछ अन्य संदिग्ध सामान शामिल है तथा उपरोक्त पार्सल अब कस्टम विभाग की कस्टडी में है। और फिर उसने शिकायतकर्ता की एक फर्जी सी०बी०आई० अधिकारी से काल ट्रान्सफर करके बात करवाई ।
फर्जी सीबीआई अधिकारी ने इन्हें कहा कि वे इसके आधार नम्बर के गलत इस्तेमाल की जाँच के लिये एजेंसीज़ को भी शामिल करेंगे, जिसने इन्हें बतलाया कि इस आधार कार्ड का इस्तेमाल मनी लांड्रिंग मामले में भी किया गया है, साथ ही इसे आगे की जांच के लिये पैसे भेजने को कहा। इन लोगों की धमकी व दबाव के कारण इन्होंने किश्तों में कुल 18 लाख 65 हज़ार रुपए इनके बैंक खाता में ट्रांसफर कर दिए इस पूरे प्रकरण के दौरान ये लोग इन्हें लगातार धमकियां दे रहे थे और यह दिनांक 7 अक्टूबर से 19 अक्टूबर 2024 की सुबह तक नजरबंद रहे। यह दिन-रात लगातार इनके साथ व्हाट्सएप वीडियो कॉलिंग पर थे। जब इन्होने केस का विवरण मांगा तो उन्होंने कहा कि 10 प्रतिशत राशि देने के बाद वह इनके सारे पैसे वापिस कर देंगे I उसके बाद जब इन्होने उनसे सम्पर्क करने की कोशिश की तो वह लोग इसकी कॉल नहीं उठा रहे थे । अपने साथ धोखे का शक होने पर पुलिस थाना परवाणू में धोखाधड़ी की धारा 319(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज करवाया गया ।
पुलिस द्वारा टेक्निकल सैल, साइबर सैल की सहायता से सीडीआर व टावर लोकेशन तथा अन्य रिकार्ड के अवलोकन के आधार पर इस मामले में संलिप्त तीन आरोपियो को राजस्थान के उदयपुर से पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है ।
जांच के दौरान पाया गया कि ठगी का यह नेटवर्क देश के राजस्थान तथा गुजरात राज्यों में काफी समय से सक्रिय था, जो हिमाचल व देश के अन्य राज्यों के लोगों को अपने जाल में फंसा कर ठगी का शिकार बनाते हैं।
इसके अतिरिक्त इन आरोपियों के मोबाइल फोनों की डिटेल व बैंक खातों का विश्लेषण करने तथा जांच के दौरान यह भी पाया गया कि इस नेटवर्क के आरोपियों के बैंक खातों में क्रिप्टोक्रंसी की अवैध कमाई से क्रिप्टोक्रंसी, बिटकॉइंस, डॉलर के करीब दो से तीन करोड़ रुपए के ट्रांजेक्शन पाए गए । इस शिकायत के आधार पर 29 दिसंबर को आरोपी अनिल चौधरी ( 21 ) पुत्र जगवीर सिंह निवासी लक्ष्मी कॉलौनी ओल्ड मसौदा रोड़ ब्यावर, जिला ब्यावर राजस्थान को गिरफ्तार किया गया ।
पुलिस थाना परवाणु की टीम द्वारा इस मामले में संलिप्त नेटवर्क के सदस्यों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी गई। इसी आधार पर पुलिस थाना परवाणू की टीम द्वारा साईबर ठगी की इस वारदात में संलिप्त एक आरोपी पालराज ( 32) पुत्र गणेनशन निवासी नारायणसामी नगर कोयम्बटुर तामिलनाडु को धारा 35(3) बीएनएस के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तात किया गया ।
मामले की जाच के दौरान पाया गया कि इस मामले में पूर्व में गिरफतार आरोपियों ने शिकायतकर्ता से धोखाधडी कर अक्तुबर 2024 में तीन लाख रुपए पश्चिम बंगाल राज्य के बन्धन बैंक के खाता में ट्रान्सफर करवाये थे। उसके उपरान्त बन्धन बैंक के उक्त खाता से शिकायतकर्ता से ठगी गई तीन लाख रुपए की राशि पाल राज के खाते में जमा करवाई गई ।
सोलन पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने बताया कि पुलिस ने जांच के दौरान उक्त आरोपी से यह राशि बरामद कर ली गई है। अभी तक पुलिस थाना परवाणू की टीम द्वारा इस मामले में शिकायतकर्ता से हुई 18 लाख 65 हज़ार रुपए की साईबर ठगी में से करीब 10 लाख रुपए बरामद कर लिए गये है ।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस धोखेबाजी के मामले में कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है I उन्होंने कहा कि मामले की जांच हर पहलू से जारी है।
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(Udaipur Kiran) / संदीप शर्मा
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