पूर्णिया, 16 दिसम्बर (Udaipur Kiran) ।
दुनिया के हर कोने में या हर विभाग में हर तरह के इंसान होते हैं। भले ही अच्छे इंसानों की कमी हो पर जितने हैं उतने ही इस सुषुप्तावस्था में पड़े समाज के लिए प्रेरणा, ऊर्जा और इंसानियत के लिए एक बड़ी मिशाल हैं। जब एक प्रशासनिक आईएएस अधिकारी ,एक महिला थाना प्रभारी ,एक सरकारी (जीएमसीएच) डॉक्टर और कोई प्राइवेट नर्सिंग होम के डॉक्टर एक साथ किसी की जान बचाने के लिए जिद्द कर दें और पैसे की अहमियत नहीं दें तो भगवान भी उसका साथ दे ही देंगे।
वाक्या पूर्णिया के जिला स्कूल रोड की है जहां एक युवक सड़क किनारे बिल्कुल मृतप्राय अवस्था में गिरा था। सर फूटा हुआ,शरीर पर चोट के बहुत सारे निशान थे। पुलिस को सूचना हुई तुरंत ही फणीश्वर नाथ रेणु उद्यान टोओपी थाना प्रभारी शबाना आजमी को सूचना मिलती है और वह तत्काल डायल 112 की टीम के साथ उसे युवक के पास पहुंचकर उसे सदर अस्पताल में भर्ती करवाती है। बाद में पता चलता है की सदर अस्पताल के द्वारा यह कहा गया कि उनकी स्थिति गंभीर है मैक्स सेवन अस्पताल ले जाया जाए और फिर उसे मैक्स सेवन अस्पताल कसबा में भर्ती करवाया जाता है। परंतु फिर अचानक पता चलता है कि मैक्स अस्पताल वालों ने चुपचाप एक एंबुलेंस से उसे मृतप्राय युवक को सदर अस्पताल के बरामदे पर छोड़ जाती है और अपने हाथ पीछे खींच लेती है।
फिर यह घटना पूर्णिया के एसडीम पार्थ गुप्ता जी और थाना प्रभारी शबाना आजमी को भी पता चलता है कि उसकी हालत गंभीर है और वह युवक सदर अस्पताल में पड़ा हुआ है। पूर्णिया एसडीएम पार्थ गुप्ता उम्मीद नर्सिंग होम के डायरेक्टर डॉ आलोक कुमार एवं वहां के डॉक्टर न्यूरो सर्जन डॉ प्रभात कुमार से बात करते हैं और उन्हें सारी जानकारी देते हैं। डॉ आलोक कुमार की बात पूर्णिया जीएमसीएच के डॉ विकास कुमार से होती है उसके बाद सारी टीम कल से लेकर आज तक पूरी तन्मयता से एक होकर उसे बचाने में लगी है।
आज युवक के परिजन वहां पहुंचे हैं परंतु उससे पहले इन लोगों ने उसे युवक को कोई कमी नहीं आने दी और उनके इलाज के लिए लगातार बने हुए हैं यहां तक की वेंटीलेटर का भी व्यवस्था दूसरी जगह से किया गया। युवक का नाम जब पता किया गया तो पता चला कि जिला स्कूल रोड में प्रसादी शर्मा के पुत्र सुजीत शर्मा गंभीर रूप से घायल होकर माइक्रोवेव टावर वाली गली में गंभीर रूप से बेहोशी की अवस्था में गिरा हुआ था। उन्हें किसी ने लूटपाट के दौरान पूर्ण रूप से घायल कर दिया था। आज से उनके परिजन वहां पहुंचने प्रारंभ हुए है तब तक उसे अनजाने युवक को बचाने के लिए इन लोगों ने अपना दिन-रात एक कर दिया। और अभी भी सभी लोगों का कहना है कि उनकी जान बचाना हमारी प्राथमिकता है।
उम्मीद अस्पताल के डॉक्टर एवं डायरेक्टर आलोक कुमार एवं प्रभात कुमार ने कहा है कि न्यूरो का ऑपरेशन हम लोग फ्री करेंगे। डॉ विकास ने मैं कहा है अचेतन अवस्था में पड़े उसे युवक के लिए मैं समय भी दूंगा और पूरी ताकत बिना मेहनताने के लगाऊंगा। तत्काल उस युवक को पैसा ना लगे इसलिए सदर अस्पताल एवं जीएमसीएच से दवाओं की व्यवस्था की गई है। पूर्णिया एसडीएम पार्थ गुप्ता लगातार अपनी नजर उसे मरीज पर बनाए हुए हैं एवं इलाज कर रहे डॉक्टर के संपर्क में है। थाना प्रभारी शबाना आजमी कहती है कि मैं तब अपने आप को सफल मानूंगी जब वह व्यक्ति ठीक होकर अपने घर आ जाए।
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(Udaipur Kiran) / नंदकिशोर सिंह