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पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का सुरक्षित तरीक़े से निष्पादन प्रारंभ

यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निष्पादन की प्रक्रिया का अवलोकन करते अधिकारी
यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निष्पादन की प्रक्रिया का अवलोकन करते अधिकारी
यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निष्पादन की प्रक्रिया का अवलोकन करते अधिकारी

– वादे के मुताबिक़ इंदौर कमिश्नर दीपक सिंह भी पीथमपुर में रहे मौजूद

इंदौर, 28 फरवरी (Udaipur Kiran) । धार जिले के पीथमपुर के तारपुरा गांव में स्थित रामकी एनवायरो फैक्टरी में शुक्रवार को भोपाल के यूनियन कार्बाइड कारखाने के जहरीले कचरे का निष्पादन सुरक्षा के सभी मापदंडों को ध्यान में रखते हुए प्रारंभ कर दिया गया। इंदौर संभागायुक्त दीपक सिंह ने पूर्व में जब निष्पादन प्रक्रिया पर संदेह व्यक्त किया जा रहा था, तब यह वायदा किया था कि कचरा निष्पादन के दौरान वे स्वयं मौक़े पर मौजूद रहेंगे। वायदे को निभाते हुए संभागायुक्त दीपक सिंह अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पीथमपुर में मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि कचरा निष्पादन की पूरी प्रक्रिया सफलतापूर्वक प्रारंभ हुई है और कहीं से भी कोई विपरीत परिस्थिति निर्मित नहीं हुई है।

कमिश्नर सिंह ने बताया कि शुक्रवार सुबह ही पीथमपुर स्थित रामकी संयंत्र में मध्य प्रदेश पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी, धार कलेक्टर प्रियंक मिश्र, आईजी अनुराग, डीआईजी निमिष अग्रवाल, एसपी मनोज कुमार सिंह और मप्र प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी मौजूद रहे। शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे कचरे को भस्मक (इंसीनरेटर) में डाला गया। फैक्ट्री में पहले ट्रायल रन के तहत 10 टन कचरा नष्ट किया जाएगा। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। फैक्टरी परिसर के अंदर स्पेशल आर्म्ड फोर्स (SAF) के 130 जवान तैनात हैं, जबकि बाहर डीएसपी रैंक के अधिकारी तैनात हैं। पूरे क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू है।जनमानस में बना विश्वास का वातावरण

उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के मुताबिक़ प्रशासन द्वारा पीथमपुर क्षेत्र में व्यापक जन जागरूकता का कार्य किया गया। आम जनता सहित विद्यार्थियों और विभिन्न संस्थाओं में जाकर कचरा निष्पादन की पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई और बताया कि यह समूची प्रक्रिया पूरी तरीक़े से सुरक्षित है और इसके कोई भी दुष्परिणाम क्षेत्र की मिट्टी अथवा जल में नहीं आएंगे। वातावरण में भी किसी तरह के हानिकारक गैस का प्रसारण नहीं होगा। संभागायुक्त दीपक सिंह के मार्गदर्शन में व्यापक रूप से चलाए गए इस जनजागरूकता अभियान के अच्छे परिणाम प्राप्त हुए और क्षेत्र में शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास का वातावरण निर्मित हुआ।

जहरीले कचरे के निपटान से पहले प्रशासन ने जन सहमति प्राप्त करने के लिए सक्रिय प्रयास किया। इसके तहत स्थानीय नागरिकों, पर्यावरण संगठनों, वैज्ञानिक विशेषज्ञों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ संवाद स्थापित किया गया है ताकि निष्पादन प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाया जा सके। यूनियन कार्बाइड कचरे का निष्पादन केवल तकनीकी या प्रशासनिक मामला नहीं है, बल्कि यह पर्यावरणीय संतुलन और जनस्वास्थ्य से सीधा जुड़ा है। इसलिए निष्पादन प्रक्रिया में वैज्ञानिक मानकों का पूरी तरह पालन किए जाने की दिशा में आगे बढ़ा जा रहा है। प्रशासन ने जनता और पर्यावरणविदों के सुझावों को भी ध्यान में रखा है। लॉन्ग-टर्म प्लानिंग के तहत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में कोई समस्याएं उत्पन्न न हों। प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त नियमों और नियमित मॉनिटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।धार जिला प्रशासन ने जनसंवाद के माध्यम से निष्पादन प्रक्रिया को पारदर्शी और लोकतांत्रिक बनाने का सराहनीय प्रयास किया है। जनता, वैज्ञानिकों, जनप्रतिनिधियों, विद्यार्थियों और सामाजिक संगठनों को शामिल करके जनसहयोग आधारित निर्णय प्रक्रिया अपनाई गई है। जब जनता और प्रशासन मिलकर कार्य करें, तो जटिल समस्याओं का सुरक्षित और स्थायी समाधान संभव हो सकता है। इस प्रक्रिया से न केवल यूनियन कार्बाइड कचरे का सुरक्षित निष्पादन सुनिश्चित होगा, बल्कि भविष्य के लिए एक आदर्श मॉडल भी स्थापित होगा।

डेटा को देखा जा सकता ऑनलाइन

मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कचरे के निष्पादन के सिलसिले में वेबलिंक जारी की गई है। वेबलिंक https://zoom.us/j/97533675938?pwd=D7i4UbyLahVwhpUOLjqhaabLZ5J6ix.1 के ज़रिए CEMS डेटा और Incin Stack देखा जा सकता है।

निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया जा रहा कचरे का निष्पादन

भोपाल गैस त्रासदी के बाद 40 साल से यूनियन कॉर्बाईड कारखाने में पड़े अपशिष्ठ को 12 सीलबंद कण्टेनर्स में पीथमपुर लाया गया था, जिसमें 05 प्रकार के अपशिष्ठ सेविन रेसिड्यू नेष्थॉल रेसिड्यू, रियेक्टर रेसिड्यू, सेमिप्रोसेस्ड पेस्टीसाईड एवं परिसर की मिट्टी लाई गई है। ट्रॉयल रन हेतु पांचों अपशिष्ठ के एक-एक कण्टेनर 27 फरवरी को जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम पीथमपुर, तहसीलदार पीथमपुर, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक भोपाल, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में खोले गये हैं तथा अपशिष्ठ को पृथक-पृथक हजारडस वेस्ट स्टोरेज शेड में रखा गया है। पांचों अपशिष्ठ को मिलाकर कुल मात्रा 10 टन जलाई जायेगी।इन्सीनरेटर को 27 फरवरी को रात्रि 10 बजे से डीजल द्वारा प्रारंभ किया गया, जो लगभग 12 से 14 घण्टे बिना अपशिष्ठ के डाले ही चलाया गया, ताकि प्रथमिक दहन कक्ष का तापमान 850 डिग्री सेंटीग्रेड एवं द्वितीयक दहन कक्ष का तापमान 1100 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक हो। डीजल से इन्सीनरेटर को चलाये जाने पर लगभग 500 से 600 लीटर/घण्टा डीजल की खपत आई है। निर्धारित तापमान प्राप्त होने पर शुक्रवार को अपराहन्ह 03 बजे से यूनियन कॉर्बाईड के अपशिष्ठ का दहन प्रारंभ किया गया। 135 कि.ग्रा./घण्टा की दर से अपशिष्ठ की फिडिंग की जा रही है, जिसमें 4.5 किलोग्राम अपशिष्ठ में 4.5 किलोग्राम चूना मिलाकर यानि 09 किलोग्राम के बैग बनाये गये तथा एक घण्टे में 30 बैग इन्सीनरेटर के प्राथमिक दहन कक्ष में डाले जा रहे हैं। इन्सीनरेटर के संचालन से उत्पन्न होने वाली फ्लू गैस के शोधन हेतु स्थापित व्यवस्थाएं स्प्रे ड्रॉयर, मल्टी सॉयकलॉन, ड्रॉय स्कबर, बैग फिल्टर, वेट स्कबर सभी प्रभावी ढंग से संचालित हो रहे हैं तथा चिमनी से हो रहे उत्सर्जन की लगातार जांच हेतु ऑनलाईन कन्टीन्यूअस ईमीशन मॉनीटरिंग सिस्टम संचालित है, जिसके द्वारा कॉर्बनमोनो ऑक्साईड, कॉर्बनडाई ऑक्साईड, ऑक्सजीन, हाईड्रोजन फ्लोराईड, हाईड्रोजन क्लोराईड, पर्टिकुलेट मेटर, सल्फरडाई ऑक्साईड, नाईट्रोजन के ऑक्साईड, टोटल आर्गेनिक कॉर्बन की जांच की जा रही है तथा रिजल्ट म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सर्वर पर प्राप्त हो रहे हैं, जिनके रिजल्ट्स निर्धारित मात्रा पाये जा रहे हैं।

प्राथमिक दहन कक्ष का तापमान 800 से 900 डिग्री सेन्टीग्रेड के बीच तथा द्वितीयक दहन कक्ष का तापमान 1100 से 1200 डिग्री सेन्टीग्रेड पाया जा रहा है। ऑनलाइन सिस्टम के डाटा इन्सीनरेटर परिसर के बाहर स्थित डिस्प्ले बोर्ड पर भी प्रदर्शित हो रहे हैं। इन्सीनरेटर का संचालन निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया जा रहा है। प्रमुख सचिव पर्यावरण विभाग डॉ नवनीत कोठारी, संभागायुक्त दीपक सिंह, कलेक्टर प्रियंक मिश्रा, सदस्य सचिव म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ए.ए. मिश्रा द्वारा भी दहन प्रक्रिया का अवलोकन किया गया।

(Udaipur Kiran) तोमर

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