West Bengal

कवि अरुण चक्रवर्ती का निधन

कवि अरुण चक्रवर्ती

हुगली, 23 नवंबर (Udaipur Kiran) । चर्चित बांग्ला कविता लाल पहाड़ी देशे जा… के रचनाकार (कवि) अरुण चक्रवर्ती का शुक्रवार देर रात निधन हो गया। मृत्यु के समय उनकी उम्र 80 वर्ष थी। उनके निधन की खबर पाकर शनिवार सुबह स्थानीय निवासियों से लेकर राजनीतिक हस्तियां, पत्रकार और अन्य गणमान्य लोग कवि को श्रद्धांजलि देने उनके आवास पर पहुंचे।

सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार देर रात करीब एक बजे चुंचुड़ा स्थित फार्म साइड रोड स्थित उनके ‘सोनाझुरी’ आवास पर कवि को दिल का दौरा पड़ा। घटना की सूचना पाकर चिकित्सक उनके आवास पर पहुंचे और जांच के बाद उन्हें मृत घोषित किया। वह अपने पीछे पत्नी, दो बेटे, बहुएं और पोते-पोतियां छोड़ गए हैं।

दिवंगत कवि की बहू सुदेशना चक्रवर्ती ने बताया कि शुक्रवार को वह कोलकाता के मोहरकुंज में जंगलमहल उत्सव में शामिल होने गये थे। उसी समय सर्दी लग गई। कोरोना के बाद से वे फेफड़ों की समस्या से जूझ रहे थे।

कवि अरुण चक्रवर्ती ने शिवपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से स्नातक किया और हिंदुस्तान मोटर्स में काम किया। वहीं से उन्होंने लेखन का प्रारम्भ किया। उन्होंने अनेक कविताएं लिखी। जिसमें से लाल पहाड़ी देशे जा…. कविता ने उन्हें प्रसिद्धि दिलाई। आगे चलकर इस कविता को अलग-अलग भाषाओं में अनुवाद कर संगीत बनाया गया जो कि देश-विदेशों में काफी मशहूर हुआ। उन्होंने बंगाल की लोक संस्कृति का गहन अध्ययन किया। वह पहाड़ी, जंगल आदिवासी क्षेत्र में घूमते रहते थे।

उनके निधन से जिले के साहित्यिक हलकों में शोक का माहौल है। शनिवार सुबह कवि का पार्थिव शरीर चुंचुड़ा स्थित रवींद्र भवन के खुले मंच पर रखा गया। वहां उनके प्रशंसकों ने उनका अंतिम दर्शन किया। इसके बाद कवि का अंतिम संस्कार श्याम बाबर घाट पर संपन्न हुआ।

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(Udaipur Kiran) / गंगा

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