शिमला, 28 अप्रैल (Udaipur Kiran) । मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में साेमवार काे हिमाचल प्रदेश में एकल उपयोग प्लास्टिक के उन्मूलन को लेकर राज्य टास्क फोर्स की 5वीं बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का वह अग्रणी राज्य है जिसने एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रभावी प्रतिबंध लगाकर मिसाल कायम की है। पॉलीथीन के दुष्प्रभावों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने नॉन-बायोडिग्रेडेबल सामग्री से बने पॉलीथीन और प्लास्टिक कैरी बैग्स के उपयोग, बिक्री और निर्माण पर सख्त रोक लगाई है।
मुख्य सचिव ने सभी उपायुक्तों और हितधारक विभागों को निर्देश दिए कि ‘हिमाचल प्रदेश नॉन-बायोडिग्रेडेबल (नियंत्रण) अधिनियम, 1995’ के तहत हर शनिवार निरीक्षण करें और जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठकें नियमित रूप से आयोजित करें। साथ ही पर्यावरण विभाग को प्रत्येक माह कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2024 के तहत वार्षिक रिपोर्टिंग के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण करवाने और अधिसूचित विनियमों को 2024-25 में सख्ती से लागू करने को कहा, ताकि चिन्हित प्लास्टिक उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध सुनिश्चित किया जा सके।
मुख्य सचिव ने सरकारी बैठकों में छोटी पानी की बोतलों के इस्तेमाल से बचने और आमजन को जागरूक करने के लिए मिशन मोड में कार्य करने की बात कही।
पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी निदेशक डीसी राणा ने विभिन्न जिलों और विभागों द्वारा की गई कार्रवाई की विस्तृत जानकारी दी। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव कमलेश पंत, शहरी विकास निदेशक डॉ. नीरज कुमार, विभिन्न जिलों के उपायुक्त एवं विभागाध्यक्ष भी शामिल हुए।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
