जालाेर, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । आज के भाैतिकतावदी दाैर में जब युवा अपने विवाह में तमाम तरह के तामझाम करने लगे है, खुद की इच्छा से जहां थीम वेडिंग व ना जाने क्या-क्या करने लगे हैं, वहीं जालोर जिले के सायला
उपखंड के बावतरा गांव में बड़े प्लास्टिक कारोबारी ने बेटे की बारात ऊंटों पर निकालकर अपनी संस्क ृति काे सबसे पहले माना है। कारोबारी ने अपने बेटे की बारात सजी धजी
ऊंट गाड़ियों पर निकाली। करीब पन्द्रह किलाेमीटर की दूरी बारात ने सजी धजी
ऊंट गाड़ियों पर तय की। काराेबारी की अफ्रीका और (मैसूर) कर्नाटक में प्लास्टिक
मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट हैं। बारात में सजी धजी
ऊंट गाड़ियों पर लाल गुमटियां बनाई थीं, बाराती सफेद परंपरगात पोशाक और लाल
पगड़ी में थे।
दूल्हे के चाचा सूरज देवासी
ने बताया कि परिवार का फोकस समाज के रीति-रिवाज को अच्छे से निभाने पर रहा।
हमारी कोशिश है कि हम परंपरागत संस्कृति को जीवित रखें। भतीजे (दूल्हा)
विक्रम की शादी गुरुवार रात सम्पन्न हुई है। भाई वगताराम देवासी बिजनेसमैन
हैं। उनकी इच्छा थी कि बेटे विक्रम की शादी परंपराओं को निभाते हुए करें। वगताराम
प्लास्टिक कारोबारी हैं। कर्नाटक और अफ्रीका में उनकी प्लास्टिक आइटम
मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट हैं। लाखों का टर्नओवर है। बेटा विक्रम मैसूर कंपनी
में डायरेक्टर के पद पर कार्यरत है। वगताराम की इच्छा थी कि बारात ऊंटों पर
दुल्हन के घर पहुंचे। ऐसे में हमने 15 ऊंटों पर बारात निकालने का विचार
किया। हालांकि बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के लिए 40 कारों की व्यवस्था
रही। बारात को देखने के लिए रास्ते में लोगों की भीड़ जुटी। लोगों ने अपने मोबाइल में इस नजारे को कैद किया।
बारात बावतरा गांव से सायला के वालेरा गांव पहुंची। गुरुवार रात शादी की
रस्में हुईं। शुक्रवार शाम को दुल्हन को लेकर दूल्हा अपने गांव लौटेगा। ऊंट
गाडियों के साथ 40 कारें भी साथ चल रही थीं। उन्होंने बताया- दूल्हे के
पिता चार भाई हैं। सभी भाई संयुक्त परिवार में रहते हैं। सभी बिजनेस भी साथ
में ही करते हैं।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / रोहित / संदीप माथुर