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वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में 2343 टावर लगाने की योजनाः ज्योतिरादित्य सिंधिया

संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया

नई दिल्ली, 3 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राज्यसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधियानेकहा कि सरकार ने उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में 2343 मोबाइल टावर लगाए जाने की योजना बनाई है।

गुरुवार को एनसीपी सांसद प्रफुल्ल पटेल द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 4जी में अपग्रेडेशन और बीएसएनएल टावरों के बंद होने पर उठाए जाने वाले उपायों पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि डिजिटल भारत निधि के तहत एक कार्यक्रम बनाया गया है, जिसके तहत वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में 2343 टावरों की योजना बनाई गई है।

उन्होंने बताया कि भविष्य में वे पूंजीगत व्यय के लिए एक योजना बना रहे हैं, जिसके तहत बीएसएनएल के 2.5 लाख टावरों के लिए, जहां भी अपग्रेडेशन की आवश्यकता होगी, प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए वित्त मंत्री से फंड की मांग करेंगे या इसके लिए बीएसएनएल की संपत्तियों का मुद्रीकरण करेंगे।

आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर 26 प्रतिशत का शुल्क लगाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार को एलन मस्क के स्टारलिंक के लिए आवश्यक अनुमतियों को रोककर ट्रम्प टैरिफ पर फिर से बातचीत करने के लिए सौदेबाजी के तौर पर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उनकी जिम्मेदारी भारत में दूरसंचार के 1.4 बिलियन उपभोक्ताओं के प्रति है। उन्हें सभी उपलब्ध अवसर और तकनीक प्रदान करना उनका काम है। उन्होंने कहा कि भारत में सैटेलाइट तकनीक के लिए अब तक केवल दो लाइसेंस भारतीय कंपनियों- रिलायंस और भारती एयरटेल को दिए गए हैं। हमारे पास एक स्पष्ट व्यवस्था है, जो उपभोक्ताओं और भारत की सुरक्षा चिंताओं का ख्याल रखती है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत न केवल एक बड़ा बाजार है बल्कि दुनिया का सबसे सस्ता दूरसंचार बाजार भी है।

इस उत्तर को आगे बढ़ाते हुए संचार राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने कहा कि भारत के स्थलीय नेटवर्क की ब्रॉडबैंड स्पीड स्टारलिंक या किसी अन्य सैटेलाइट नेटवर्क की तुलना में 188 गुना अधिक है और पिछले 3 वर्षों में स्टारलिंक का वैश्विक उपयोगकर्ता आधार भारत के नेटवर्क की पहुंच की तुलना में केवल 46 लाख है।

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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

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