काठमांडू, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । त्रिभुवन विमानस्थल पर बुधवार को सौर्य एयरलाइंस के दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में एकमात्र जिन्दा बचे पायलट कैप्टन मनीष शाक्य का इस समय काठमांडू मेडिकल कॉलेज (केएमसी) के आईसीयू में उपचार हो रहा है। बुरी तरह से जख्मी होने के कारण कल ही उनका ऑपरेशन भी किया गया।केएमसी के डॉक्टरों से बातचीत में उन्होंने गुरुवार को दुर्घटना के बारे में जानकारी दी है। उनके मुताबिक उड़ान भरने के तत्काल बाद सौ फीट की ऊंचाई पर विमान आउट ऑफ कंट्रोल हो गया था, जिसके बाद विमान तेजी से नीचे जमीन पर गिर गया और आग लग गई।
रीढ़ की हड्डी का सफल ऑपरेशन होने के बाद जब उनको होश आया और आज जब वह बोलने की स्थिति में हुए तो कैप्टन शाक्य ने केएमसी की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. मीना थापा की टीम से बातचीत की। डॉ. थापा ने पायलट से हुई बातचीत की जानकारी देते हुए कहा कि दुर्घटना को लेकर उनको जितनी बात याद है वो उनसे साझा की है। पायलट कैप्टन शाक्य ने बताया कि जैसे ही विमान सौ फीट की ऊंचाई पर गया, वैसे ही अचानक विमान का कंट्रोल उनके नियंत्रण से बाहर हो गया।
कैप्टन शाक्य ने डॉक्टर थापा को बताया कि आउट ऑफ कंट्रोल होते ही विमान तेजी से नीचे जमीन पर गिर गया और आग लग गई। कैप्टन शाक्य ने बताया कि विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद वो उछल कर विमान के कुछ हिस्से के साथ बाहर की ओर गिरे। उनको इतना याद है कि दुर्घटना के कुछ समय के बाद किसी पुलिस वाले ने उन्हें सहायता देकर बाहर निकाला और एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा।
डॉ. थापा ने बताया कि गम्भीर रूप से घायल और खून से लथपथ कैप्टन शाक्य को लाये जाने के बाद बुधवार को ही सिटीस्कैन किया गया था, जिसमें रीढ़ की हड्डी टूटने की बात सामने आई थी। डॉ. थापा ने कहा कि आज एमआरआई कराने की योजना है। साथ ही अलग अलग कंसल्टेंट उनकी जांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस समय कैप्टन शाक्य खतरे से बाहर है और उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है। उन्हें रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन होने के कारण आईसीयू में रखा गया है लेकिन वो बातचीत कर रहे हैं।
(Udaipur Kiran) / पंकज दास / सुनीत निगम