जयपुर, 29 जुलाई (Udaipur Kiran) । पूर्व सांसद व एससी आयोग के पूर्व अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा का चार माह में ही भारतीय जनता पार्टी से मोह भंग हो गया। बैरवा ने साेमवार काे प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ को अपना इस्तीफा भेज दिया। इस्तीफे में बैरवा ने लिखा कि मुझे भाजपा से कोई शिकायत नहीं है, लेकिन मैं भाजपा की विचारधारा से खुद को नहीं जोड़ पा रहा हूं।
बैरवा ने गहलोत को लेकर लिखा कि कुछ खास चापलूस लोगों की सिफारिश पर राजस्थान के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। मैंने 33 साल तक कांग्रेस की सक्रिय राजनीति की है। कांग्रेस विचारधारा मेरे खून में शामिल हो गई है। बैरवा ने लोकसभा चुनावों से पहले ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन की थी। उन्होंने लिखा कि पूर्व मुख्यमंत्री (अशोक गहलोत) ने चौथी बार सीएम बनने की लालसा में कई दिग्गज कांग्रेस नेताओं को पार्टी से बाहर करने का असफल प्रयास किया।
बैरवा ने लिखा कि सचिन पायलट के गुट के नेताओं के फोन टैप करवाए गए। इसके बारे में लोकेश शर्मा (पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी) विस्तार से बता चुके हैं। इनमें मेरा भी फोन टैप करवाया गया, जो कि जांच का विषय है। योजनाबद्ध तरीके से मुझे भी पार्टी से निकाला गया, कुछ खास चापलूस लोगों की सिफारिश पर राजस्थान के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। पंचायत समिति स्तर के क्षेत्र को जिला बना दिया। समाज के टुकड़े कर इतने ही सामाजिक बोर्ड बना दिए। इनका स्वंय को भी पता नहीं। बैरवा ने लिखा कि मैंने 18 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लोगों के लिए आयोग को वैधानिक दर्जे की बात की तो क्या गुनाह कर दिया। पिछली सरकार द्वारा बनाए गए जिले, सामाजिक बोर्ड, फोन टैपिंग मामला और अनुसूचित जाति आयोग को वैधानिक दर्जा देने के मामले की जांच करानी चाहिए। बैरवा पिछली गहलोत सरकार में बसेड़ी से कांग्रेस के विधायक थे। एससी-एसटी आयोग के चेयरमैन भी रहे। 2018 में कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने चुनाव जीता। इससे पहले 2009 के लोकसभा चुनाव में वे करौली-धौलपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे थे।
(Udaipur Kiran) / रोहित