रुद्रप्रयाग, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाए जाने के विरोध में केदारनाथ धाम में रविवार को तीर्थ पुरोहितों ने दूसरे दिन भी धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इस मामले में कोई कार्यवाही न होने पर तीर्थ पुरोहित समाज के साथ ही चारधाम महा पंचायत ने आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी। मंदिर परिसर में तीर्थ पुरोहित, साधु संत, व्यापारी एवं तीर्थयात्री एकत्रित हुए और दिल्ली में बन रहे केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर निर्माण के शिलान्यास को लेकर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। वहीं दूसरी ओर तिलवाड़ा में व्यापारियों ने रैली निकालकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने कहा कि यह नर-नारायण की तपोभूमि है। पांडवों व भगवान श्रीकृष्ण की तपभूमि है। इसके नाम को खराब न करें। तीर्थ पुराहितों ने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर का निर्माण धार्मिक परम्परा के विपरीत है। सनातन परंपराओं के खिलाफ इसका निर्माण किया जा रहा है। बाबा का वास हिमालय में है और आप उस नाम का दुरुपयोग न करें। इस प्रकार के कार्य को शीघ्र बंद किया जाए। पूर्व केदारसभा अध्यक्ष किशन बगवाड़ी ने कहा कि कुछ राजनैतिक लोग केदारनाथ की स्थापना दिल्ली में कर रहे हैं। स्वयं ज्योतिर्लिंग दिल्ली कैसे पहुंच सकता है। उन लोगाें की मानसिकता पर हम प्रश्न चिह्न लगाना चाहते हैं। उन्होंने सवाल किया कि दिल्ली में सालभर दर्शन के लिए केदारनाथ मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। सरकार केदारनाथ धाम में सुविधाएं बढ़ाने के बजाय दिल्ली में सुविधाएं बढ़ा रही है। इस मौके पर आचार्य संतोष त्रिवेदी, केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष विनोद शुक्ला, पूर्व अध्यक्ष किशन बगवाड़ी, उमेश पोस्ती, तेज प्रकाश तिवारी, अनिल शुक्ला, अशोक सेमवाल, पूर्व सभासद बावी रावतं समेत बड़ी संख्या में तीर्थपुरोहित शामिल थे।
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