Jammu & Kashmir

आतंक से बेखौफ, कश्मीर में खीर भवानी मंदिर में उमड़े तीर्थयात्री

श्रीनगर 1 जून हि.स.। पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर के बाद व्याप्त भय के बावजूद, बड़ी संख्या में श्रद्धालु कश्मीर में प्रतिष्ठित माता खीर भवानी मंदिर में दर्शन कर रहे हैं। कई कश्मीरी पंडितों सहित तीर्थयात्रियों ने अटूट आस्था व्यक्त की और कहा कि इस तरह के हमले उनकी भक्ति को कम नहीं कर सकते। वार्षिक खीर भवानी मेला 3 जून, 2025 को कश्मीर घाटी के गंदरबल जिले में स्थित तुलमुल्ला में प्रतिष्ठित खीर भवानी मंदिर में शुरू होगा।

अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि वार्षिक तीर्थयात्रा के सुचारू संचालन के लिए व्यापक सुरक्षा और रसद व्यवस्था की गई है।

एक श्रद्धालु राजेश ज्योत्सी ने कहा कि माता खीर भवानी हमारी कुल देवी हैं और उनके दर्शन करना हमारा पवित्र कर्तव्य है। हमें किसी बात का डर नहीं है यह हमारी भूमि है। इस तरह के हमले होते रहते हैं लेकिन यहां की व्यवस्थाएं बेहतरीन हैं। मैं सभी से यहां आने और आशीर्वाद लेने का आग्रह करता हूं। पहली बार यहां आए सरोज ने भी इसी तरह की भावना व्यक्त की। यह मेरी पहली यात्रा है। मैंने इस स्थान के बारे में बहुत कुछ सुना था। हमें डर नहीं है ये हमले केवल डर पैदा करने के लिए हैं और हमें मजबूती से खड़े रहना चाहिए।

पहलगाम हमला दुर्भाग्यपूर्ण था लेकिन पर्यटकों को वहां जाना चाहिए। इसलिए हमें डरना नहीं चाहिए। राहत और पुनर्वास आयुक्त अरविंद करवानी ने कहा कि सरकार ने सुनिश्चित किया है कि तीर्थयात्रियों को सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएं। हमने भोजन, चिकित्सा सहायता, स्वच्छता और आवास की व्यवस्था की है। रामबन में एक ठहराव सुविधा भी है जहां व्यवस्था की गई है। तीर्थयात्रा के लिए 60 से अधिक बसें तैनात की गई हैं और और भी बसें जोड़ी जा रही हैं। जम्मू के एसएसपी जोगिंदर सिंह ने कहा कि शांतिपूर्ण और सुचारू यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाएं की गई हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस पवित्र अवसर पर सभी तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं देता हूं।

एक अन्य श्रद्धालु राकेश कौल ने मंदिर के साथ कश्मीरी पंडित समुदाय के भावनात्मक बंधन पर प्रकाश डाला। माता खीर भवानी के साथ हमारा संबंध सदियों पुराना है। हम इस यात्रा के लिए पूरे साल इंतजार करते हैं। पिछले 36 वर्षों से व्याप्त भय के बावजूद पूरे भारत से लोग आ रहे हैं। स्थिति कठिन बनी हुई है लेकिन भगवान में हमारी आस्था मजबूत है। जो लोग आध्यात्मिक रूप से इच्छुक है उन्हें आना चाहिए और इसका अनुभव करना चाहिए। माता खीर भवानी का वार्षिक मेला श्रीनगर से 25 किलोमीटर दूर तुलमुल्ला गांव में प्रसिद्ध रागन्या देवी मंदिर में होता है। देवी को प्रसन्न करने के लिए दूध और चावल से बनी खीर चढ़ाई जाती है। खीर भवानी का कभी-कभी दूध की देवी के रूप में अनुवाद किया जाता है। खीर भवानी की पूजा कश्मीर के हिंदुओं में सार्वभौमिक है उनमें से अधिकांश उन्हें अपनी संरक्षक कुलदेवी के रूप में पूजते हैं।

(Udaipur Kiran) / राधा पंडिता

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