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प्रयागराज में बदतर चिकित्सा पर एम्स की मांग को लेकर हाई कोर्ट में लगाई जनहित याचिका

Allahabad High court

– हाई कोर्ट ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से मांगा जवाब

प्रयागराज, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव से प्रयागराज शहर में एम्स जैसी संस्था स्थापित करने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर जवाब मांगा है और याचिका पर अगली सुनवाई की तिथि 1 अगस्त नियत की है।

यह आदेश न्यायमूर्ति एमके गुप्ता तथा न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने सहज सारथी फाउंडेशन व एक अन्य की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह कोई प्रतिकूल याचिका नहीं है। विश्वास है कि प्रयागराज शहर की स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविक स्थिति पर विचार करते हुए सरकार इस दिशा में सुधारात्मक उपाय करने पर विचार करेगी।

याचिका पर याची अधिवक्ता सत्येन्द्र चंद्र त्रिपाठी व केंद्र सरकार की तरफ से अधिवक्ता संजय कुमार ओम ने पक्ष रखा। याची अधिवक्ता का कहना था कि प्रयागराज की चिकित्सा सुविधा की हालत सही नहीं है। यहां केंद्रीय विश्वविद्यालय व मेडिकल कालेज हैं। हाईकोर्ट सहित तमाम केंद्रीय व राज्य की संस्थाएं, लोक सेवा आयोग, डीआरटी, कैट, एनसीएलटी, रिसर्च इंस्टीट्यूट, तकनीकी कालेज आदि संस्थान हैं।

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार प्रयागराज की जनसंख्या 59,54,390 थी। चार जिलों की कमिश्नरी यही है। एक मेडिकल कालेज व एक टीबी सप्रू अस्पताल राज्य सरकार से संचालित है। इनके भवन खस्ता हाल में है। चिकित्सा गुणवत्ता पर सवालिया निशान है। याची का कहना है कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना 2003 के तहत शहर की स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए एम्स जैसी संस्था का निर्माण प्रयागराज जिला में किया जाना जरूरी है। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।

(Udaipur Kiran) /आर.एन

(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे / पवन कुमार श्रीवास्तव

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