Uttrakhand

बल, बुद्वि एवं विद्या का अनमोल संगम है शारीरिक शिक्षा: डाॅ. चौहान

हरिद्वार, 14 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । बल, बुद्धि एवं विद्या का अनमोल संगम शारीरिक शिक्षा है, जहां बल के लिए दैनिक श्रम, बुद्धि की प्रखरता के लिए संतुलनयुक्त भोजन एवं विद्या के लिए व्यवहार एवं आचरण में शुद्धता का होना शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य तथा दिशा में निहित है।

गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के योग एवं शारीरिक शिक्षा संकाय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिवकुमार चौहान ने बीपीएड द्वितीय सेमेस्टर के प्रशिक्षु छात्रों के संग संवाद में यह बात कही। दयानंद स्टेडियम प्रांगण में समस्या समाधान में छात्रों संग संवाद विषय पर बोलते हुए डाॅ. शिवकुमार चौहान ने कहा कि स्वस्थ्य एवं सक्रिय जीवनयापन की चाहत रखने वाले युवाओं के लिए शारीरिक शिक्षा एक बेहतर विकल्प है, जो दैनिक जीवन के नियमित व्यवहार मे बदलाव से सम्भव है।

परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम 2025 मे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पोषण को लेकर युवा पीढी के छात्रों को अधिक जागरूक एवं स्वावलम्बी बनाने पर जोर दिया है। डाॅ. चौहान ने प्रधानमंत्री मोदी की भावनाओं से प्रेरित होकर प्रशिक्षु छात्रों को स्पोर्ट्स न्यूट्रिशन के माध्यम से न्यूट्रिशन-कब, कहां ओर कैसे पर विस्तार से चर्चा की। युवा पीढ़ी मे न्यूट्रिशन को लेकर बढ़ता अन्तर, स्वास्थ्य के लिए चुनौती बनता देखा जा सकता है। सन्तुलित आहार के नाम से कार्बोहाड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, वसा तथा मिनरल आज सबसे अलग तथा ज्यादा खर्च वाले आहार के रूप में देखा जा रहा है। जिसकी पूर्ति केवल संसाधन युक्त लोगों के द्वारा ही प्राप्त हो सकती है।

डॉ. शिवकुमार चौहान ने कहा कि इस मिथक को बदलने के लिए युवा पीढी के साथ संवाद की जरूरत है। स्वास्थ्य को लेकर संतुलित आहार तथा जीभ एवं पेट के बीच बढ़ते अन्तर को कम करना जरूरी है। वर्तमान युवा पीढी इसके लिए चुनौती के दौर से गुजर रही है। कम शब्दों में कहा जाये तो जीभ को जो पसंद है वह पेट को पसन्द नहीं तथा पेट को जो पसन्द है, वह जीभ को पसन्द नहीं है। समय के अनुसार प्रोटीन के प्रति बढ़ते रूझान में सपलीमेंट का असर तथा विटामिन के प्रति कम सक्रियता से युवा पीढी के बेहतर स्वास्थ्य की संकल्पना सम्भव नहीं हो सकती है।

स्वास्थ्य के प्रति समाधान प्रस्तुत करते हुए डाॅ. चौहान ने कहा कि परम्परागत भोजन जैसे मिलेटस का उपयोग, अंकुरित भोजन, मौसमी फल-सब्जियों का अधिक उपयोग के साथ भोजन मे समय की मर्यादा का पालन करके बेहतर स्वास्थ्य तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने मे मदद मिल सकती है।

संवाद कार्यक्रम मे आकाश चौधरी, अक्षय पन्त, आयुष कण्डवाल, कुलदीप कुमार, रवि शंकर रॉय, वैभव त्यागी, विकास पाल, यश डोबियाल आदि प्रशिक्षु छात्र उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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