
नई दिल्ली, 21 मई (Udaipur Kiran) । वर्ष 2022 में केरल के पलक्कड़ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता श्रीनिवासन की हत्या के आरोपित और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के नेता अब्दुल सत्तार को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जमानत दे दी। जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि किसी व्यक्ति को उसकी विचारधारा के लिए लंबे समय तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता है।
कोर्ट ने एनआईए की इस दलील को खारिज कर दिया कि भविष्य में किसी अपराध से बचने के लिए आरोपित को हिरासत में ही रखा जाए। कोर्ट ने कहा कि हम ये देख रहे हैं कि अगर कोई व्यक्ति खास विचारधारा को अपनाता है तो उसे जेल के अंदर डाल दिया जाता है। आप किसी को उसकी विचारधारा के लिए जेल में नहीं डाल सकते हैं।
सुनवाई के दौरान एनआईए ने सत्तार की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उसके खिलाफ 71 मामले दर्ज हैं। एनआईए ने कहा कि सत्तार पीएफआई का चेहरा है और पीएफआई के दूसरे सदस्यों की गिरफ्तारी के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों में प्रमुख रुप से शामिल रहा है।
सत्तार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आदित्य सोंधी ने कहा कि उसके खिलाफ दर्ज 71 एफआईआर 23 सितंबर 2022 को केरल में हुए हड़ताल से जुड़े हुए हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि केरल हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि उस हड़ताल से जुड़े सभी एफआईआर में सत्तार का नाम बतौर आरोपित शामिल हो।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
