
–हाईकोर्ट ने कहा, विश्वविद्यालय विधिक व्यक्ति अपने हक की कानूनी लड़ाईं लड़ने का हक है
प्रयागराज, 28 मई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के राइडिंग क्लब पर नगर निगम के स्वामित्व दावे के खिलाफ विश्वविद्यालय के छात्रों की तरफ से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इंकार करते हुए खारिज कर दी है।
कोर्ट ने कहा है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय स्वयं एक विधिक व्यक्ति हैं जमीन पर अपने अधिकार के लिए कानूनी लड़ाई लड़ सकता है। कोर्ट ने साफ किया कि याचिका खारिज होने का तात्पर्य यह नहीं है कि कोर्ट ने निगम या विश्वविद्यालय में से किसी के हक में कोई राय दी है। जमीन के स्वामित्व मामले में बिना प्रभावित हुए सक्षम अदालत द्वारा निर्णय लिया जा सकता है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एम के गुप्ता तथा न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों हनीफ हसन व 23 अन्य की जनहित याचिका पर दिया है।
याचियों का कहना था कि राइडिंग क्लब विश्वविद्यालय का है। उस पर नगर निगम ने अपने स्वामित्व का बोर्ड लगा दिया है, जिसे हटाया जाय। क्योंकि विश्वविद्यालय से आर टी आई से जानकारी मिली है कि जमीन विश्वविद्यालय को अधिग्रहण के जरिए मिली थी। किसी कोर्ट में जमीन को लेकर कोई मुकद्दमा लंबित नहीं है। इसलिए जमीन विश्वविद्यालय की है। नगर आयुक्त को अपना बोर्ड हटा लेने का आदेश दिया जाय और उसे हस्तक्षेप करने से रोका जाय।
कोर्ट ने कहा आरटीआई व खतौनी के अलावा जमीन की पहचान का कोई खुलासा नहीं किया गया है। इसलिए हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता और याचिका खारिज कर दी।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
