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पदमेश मिश्रा की अतिरिक्त महाधिवक्ता के पद पर नियुक्ति वैध, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

कोर्ट

जयपुर, 6 फरवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के लिए पदमेश मिश्रा को अतिरिक्त महाधिवक्ता के तौर पर नियुक्त करने को कानूनी तौर पर वैध माना है। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से एएजी पद पर की गई नियुक्ति विधिसम्मत है और लॉ ऑफिसर की नियुक्ति करना राज्य सरकार का प्रशासनिक व वैधानिक अधिकार है। इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में दायर याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से जिस तरह पैरवी की गई है, वह प्रशंसनीय है, लेकिन वह किसी भी तरह की राहत प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश अधिवक्ता सुनील समदडिया की याचिका पर दिए।

याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार की वाद नीति, 2018 के अनुसार, 10 साल का वकालत अनुभव रखने वाले अधिवक्ता को ही एएजी नियुक्त कर सकते हैं। वहीं राज्य सरकार ने इसमें संशोधन कर विशेषज्ञता के आधार पर किसी भी अधिवक्ता को एएजी बनाने का प्रावधान किया है। इसके तहत ही राज्य सरकार ने वकील के तौर पर 2019 मेें पंजीकृत पदमेश मिश्रा को 23 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पैनल एडवोकेट नियुक्त किया और इसके तीन दिन बाद ही उसे सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार का एएजी बना दिया दिया। इसलिए मिश्रा को एएजी के तौर पर कार्य करने से रोका जाए। इसके जवाब में राज्य के एएजी भरत व्यास ने कहा कि कानून में राज्य सरकार को विधिक व प्रशासनिक शक्तियां दी गई है। जिसके तहत राज्य सरकार को यह अधिकार है कि वह अपने लॉ ऑफिसर्स को कहीं पर भी नियुक्त कर सकती है। वहीं राज्य सरकार प्रशासनिक गाइडलाइन को भी संशोधित कर सकती है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में पदमेश मिश्रा की एएजी पद पर नियुक्ति विधिसम्मत है और इसे चुनौती देने वाली याचिका में कोई मेरिट नहीं है। इसलिए याचिका खारिज की जाए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया है।

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(Udaipur Kiran)

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