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हाईकोर्ट को गुमराह करने पर याचिका खारिज 25 हजार रुपए का लगाया हर्जाना भी

कोर्ट

जयपुर, 25 मार्च (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने भूमि का कब्जा दिलाने से जुडे मामले में दायर याचिका को कडी टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करने पर याचिकाकर्ता महिला पर 25 हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया है। अदालत ने कहा है कि हर्जाना राशि बहरोड उपखंड अधिकारी को जमा कराई जाए, ताकि इसे संबंधित पक्षकारों को दी जा सके। जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश मूर्ति नामक महिला की याचिका को खारिज करते हुए दिए।

अदालत ने कहा कि विवादित भूमि बैंक के पास गिरवी है और स्थानीय सिविल न्यायालय ने मामले में यथास्थिति का आदेश भी दे रखा है। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने अदालत को गुमराह करते हुए याचिका में सरकारी अधिकारियों को ही पक्षकार बनाया है। याचिकाकर्ता ने उस व्यक्ति को ही पक्षकार नहीं बनाया, जिसका वास्तविक कब्जा भूमि पर है। अदालत ने कहा कि मामले में दूसरी एकलपीठ के आदेश देने के बावजूद कब्जाधारी व्यक्ति को पक्षकार नहीं बनाया गया। अदालत ने कहा कि यह प्रकरण हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र का दुरुपयोग करने का उत्कृष्ट उदाहरण है। जिसे याचिकाकर्ता ने विवादित भूमि का कब्जा प्राप्त करने के लिए गलत और दूषित कानूनी सलाह के तहत दायर किया है।

याचिका में कहा गया कि उपखंड अधिकारी, बहरोड ने 11 अक्टूबर, 2022 को आदेश जारी कर संबंधित भूमि को लेकर याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला दिया है। ऐसे में याचिकाकर्ता को संबंधित भूमि का कब्जा सौंपा जाए। सुनवाई के दौरान मामले में जुडे अधिवक्ता अश्विन गर्ग ने अदालत के सामने लाया कि याचिका में अदालत को गलत जानकारी दी गई है और भूमि पर वास्तविक कब्जा रखने वाले व्यक्ति को भी पक्षकार नहीं बनाया गया है। इस पर अदालत ने याचिका को हर्जाने से साथ खारिज कर दिया है।

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(Udaipur Kiran)

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