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नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट में रोहिंग्या शरणार्थी बच्चों को आधार कार्ड नहीं होने की वजह से स्कूल में दाखिला नहीं देने के खिलाफ एक याचिका दायर की गई है। याचिका एनजीओ सोशल जूरिस्ट की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली नगर निगम के स्कूल रोहिंग्या शरणार्थी बच्चों को आधार कार्ड नहीं होने की वजह से स्कूलों में दाखिला नहीं दे रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि जिन रोहिंग्या शरणार्थी बच्चों का दाखिला हो भी चुका है उन्हें दूसरी वैधानिक लाभों से वंचित किया जा रहा है। ऐसा करना संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 21ए के अलावा मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम का उल्लंघन है।
याचिका में कहा गया है कि श्री राम कालोनी, खजूरी चौक क्षेत्र जैसे इलाकों में रहने वाले 14 साल से कम उम्र के बच्चों को आधार कार्ड, बैंक खाता और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग की ओर से जारी शरणार्थी कार्ड नहीं होने की वजह से नगर निगम स्कूलों रोहिंग्या शरणार्थी बच्चों को दाखिला नहीं दे रहे हैं। इन बच्चों को शिक्षा के अधिकारी से वंचित करना मानवाधिकार का खुला उल्लंघन है।
याचिका में कहा गया है कि जब तक रोहिंग्या शरणार्थी बच्चे भारत में रह रहे हैं तब तक शिक्षा प्राप्त करना संविधान के तहत मौलिक अधिकार है। संविधान प्रदत मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं किया जा सकता है। 14 साल से कम उम्र के बच्चों को शिक्षा मिले , ये सुनिश्चित करना दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय और दिल्ली नगर की जिम्मेदारी है।
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा
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