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मेधा पाटकर की सजा को चुनौती देने वाली याचिका खारिज, 8 अप्रैल को अगली सुनवाई

साकेत सेशंस कोर्ट

नई दिल्ली, 02 अप्रैल (Udaipur Kiran) । साकेत के सेशंस कोर्ट ने दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से दाखिल आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी करार दिए गए नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर की सजा को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। एडिशनल सेशंस जज विशाल सिंह ने मजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से दी गई सजा की अवधि और जुर्माने की रकम के मामले पर 8 अप्रैल को सुनवाई करने का आदेश दिया। मेधा पाटकर को 8 अप्रैल को कोर्ट में तलब किया गया है।

सेशंस जज ने 4 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान वीके सक्सेना की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से मेधा पाटकर को आत्मसमर्पण करने का निर्देश देने का आग्रह करते हुए कहा था कि पाटकर की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। उन्होंने कहा था कि इसे खारिज किया जाना चाहिए क्योंकि मेधा पाटकर की याचिका पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं।

मेधा पाटकर ने जुडिशियल मजिस्ट्रेट की ओर से दी गई पांच महीने की कैद और दस लाख रुपये के जुर्माने की सजा को सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी। जुडिशियल मजिस्ट्रेट ने 1 जुलाई, 2024 को मेधा पाटकर को सजा सुनाई थी। जुडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में अधिकतम सजा दो साल की होती है, लेकिन मेधा पाटकर के स्वास्थ्य को देखते हुए पांच महीने की सजा दी जाती है।

(Udaipur Kiran) /संजय

(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम

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मेधा पाटकर की सजा को चुनौती देने वाली याचिका खारिज, 8 अप्रैल को अगली सुनवाई

साकेत सेशंस कोर्ट

नई दिल्ली, 02 अप्रैल (Udaipur Kiran) । साकेत के सेशंस कोर्ट ने दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से दाखिल आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी करार दिए गए नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर की सजा को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। एडिशनल सेशंस जज विशाल सिंह ने मजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से दी गई सजा की अवधि और जुर्माने की रकम के मामले पर 8 अप्रैल को सुनवाई करने का आदेश दिया। मेधा पाटकर को 8 अप्रैल को कोर्ट में तलब किया गया है।

सेशंस जज ने 4 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान वीके सक्सेना की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से मेधा पाटकर को आत्मसमर्पण करने का निर्देश देने का आग्रह करते हुए कहा था कि पाटकर की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। उन्होंने कहा था कि इसे खारिज किया जाना चाहिए क्योंकि मेधा पाटकर की याचिका पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं।

मेधा पाटकर ने जुडिशियल मजिस्ट्रेट की ओर से दी गई पांच महीने की कैद और दस लाख रुपये के जुर्माने की सजा को सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी। जुडिशियल मजिस्ट्रेट ने 1 जुलाई, 2024 को मेधा पाटकर को सजा सुनाई थी। जुडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में अधिकतम सजा दो साल की होती है, लेकिन मेधा पाटकर के स्वास्थ्य को देखते हुए पांच महीने की सजा दी जाती है।

(Udaipur Kiran) /संजय

(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम

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मेधा पाटकर की सजा को चुनौती देने वाली याचिका खारिज, 8 अप्रैल को अगली सुनवाई

साकेत सेशंस कोर्ट

नई दिल्ली, 02 अप्रैल (Udaipur Kiran) । साकेत के सेशंस कोर्ट ने दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से दाखिल आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी करार दिए गए नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर की सजा को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। एडिशनल सेशंस जज विशाल सिंह ने मजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से दी गई सजा की अवधि और जुर्माने की रकम के मामले पर 8 अप्रैल को सुनवाई करने का आदेश दिया। मेधा पाटकर को 8 अप्रैल को कोर्ट में तलब किया गया है।

सेशंस जज ने 4 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान वीके सक्सेना की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से मेधा पाटकर को आत्मसमर्पण करने का निर्देश देने का आग्रह करते हुए कहा था कि पाटकर की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। उन्होंने कहा था कि इसे खारिज किया जाना चाहिए क्योंकि मेधा पाटकर की याचिका पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं।

मेधा पाटकर ने जुडिशियल मजिस्ट्रेट की ओर से दी गई पांच महीने की कैद और दस लाख रुपये के जुर्माने की सजा को सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी। जुडिशियल मजिस्ट्रेट ने 1 जुलाई, 2024 को मेधा पाटकर को सजा सुनाई थी। जुडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में अधिकतम सजा दो साल की होती है, लेकिन मेधा पाटकर के स्वास्थ्य को देखते हुए पांच महीने की सजा दी जाती है।

(Udaipur Kiran) /संजय

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