कोलकाता, 17 दिसंबर (Udaipur Kiran) । आरजी कर मेडिकल कॉलेज कांड को लेकर नये सिरे से विरोध प्रदर्शन के लिये पुलिस की अनुमति न मिलने के खिलाफ पश्चिम बंगाल जॉइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मंगलवार सुबह न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की एकल पीठ ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया।
डॉक्टर्स के इस संगठन ने पुलिस से दस दिवसीय धरना प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी, जो 17 दिसंबर से 26 दिसंबर तक मध्य कोलकाता के डोरिना क्रॉसिंग पर आयोजित होना था। हालांकि, कोलकाता पुलिस ने यातायात अव्यवस्था का हवाला देते हुए इस प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया। इसके बाद संगठन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। संगठन के एक पदाधिकारी के मुताबिक, सुनवाई बुधवार को होने की संभावना है। हालांकि इससे धरना प्रदर्शन का मूल कार्यक्रम बाधित हो गया है।
गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को कोलकाता की विशेष अदालत ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और टाला पुलिस स्टेशन के पूर्व एसएचओ अभिजीत मंडल को डिफॉल्ट बेल दे दी थी। यह फैसला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल करने में विफल रहने के कारण लिया गया। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने शुरुआती जांच के दौरान सबूतों से छेड़छाड़ की और जांच को गुमराह किया।
सीबीआई ने अब तक मामले में केवल एक चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को मुख्य आरोपित बताया गया है। यह मामला एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या से जुड़ा है।
इस बीच, पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने भी चेतावनी दी है कि यदि न्याय नहीं मिला तो वे अपना स्थगित किया गया कार्य बहिष्कार आंदोलन फिर से शुरू करेंगे।
पीड़िता के माता-पिता का कहना है कि सीबीआई की विफलता के बाद अब सड़कों पर विरोध प्रदर्शन ही न्याय की लड़ाई का एकमात्र रास्ता बचा है, और उन्हें जनता का स्वतः समर्थन मिल रहा है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर