Maharashtra

विद्यालयों में साक्षरता हेतू स्थाई अभियान शुरू हो,मुख्य कार्यकारी अधिकारी ज़िप

A  permanent should started in school,s

मुंबई,16सितंबर ( हि.स.)। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार 2026-27 तक प्राथमिक स्तर पर बुनियादी भाषाई और गणितीय कौशल हासिल करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।जबकि इसमें प्राथमिक स्तर पर कई विद्यार्थी अभी तक बुनियादी साक्षरता एवं अंकज्ञान अर्जित नहीं कर पाए हैं, ।इसलिए अब सभी विद्यार्थियों को बुनियादी साक्षरता एवं अंकज्ञान अर्जित करने के लिए जिले में स्थायी अभियान चलाया जाना आवश्यक है। इसके लिए, ठाणे जिला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोहन घुगे ने आज कहा कि विद्यालयों में बुनियादी साक्षरता हेतू अब स्थाई अभियान शुरू करना चाहिए।उन्होंने कहा कि जिला परिषद, ठाणे के स्कूलों मेंडी आई ई टी और वो पी ए की मदद से छात्र गुणवत्ता विकास के लिए एफ एल एन के तहत प्रोजेक्ट दिशा पहल शुरू की गई है। स्कूल स्तर पर प्रोजेक्ट दिशा के कार्यान्वयन का निरीक्षण करने के लिए, मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने आज ठाणे जिले में कल्याण तहसील में जिला परिषद के पिंपरी, खोनी, नागांव के स्कूलों का दौरा किया।

बताया जाता है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी के नेतृत्व में माह जुलाई 2024 एवं अगस्त 2024 में जिला स्तरीय शिक्षा परिषद का आयोजन भी किया जा चुका है, जिसमें गतिविधियों के सफल क्रियान्वयन के संबंध में मार्गदर्शन दिया गया है।

जबकि इस विद्यालय भ्रमण में जुलाई एवं अगस्त माह के अंत में निर्धारित अध्ययन स्तर का तुलनात्मक विश्लेषण किया गया तथा शिक्षकों को आज की वास्तविकता को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक विद्यार्थी के लिए व्यक्तिगत शैक्षणिक कार्ययोजना तैयार करने हेतु निर्देशित किया गया। सीखने के हस्तक्षेप का प्रबंधन (एमओएलआई) व्यक्तिगत, शैक्षिक कार्य योजना तैयार करते समय, सहसंबंधों को समझाते हुए प्रशिक्षण/अवलोकन गतिविधियाँ, विषय मित्र, समूह अध्ययन, सफलता के साथ सेल्फी, चुनौती देना, स्व-अध्ययन को प्रेरित करना, जिज्ञासु दृष्टिकोण का सम्मान करना, सीखने की गति बढ़ाना और इसमें योगदान दिया है।

इसी प्रकार विद्यालय भ्रमण के दौरान विद्यालय में उपलब्ध कराई गई भाषा, गणित आदि शैक्षणिक सामग्रियों का सकारात्मक एवं अधिकतम उपयोग कैसे किया जाए, इस पर प्रत्यक्ष मार्गदर्शन दिया गया। व्यक्तिगत शिक्षण कार्य योजना तैयार करते समय, शिक्षकों ने इस बात पर चर्चा की कि एक छात्र एक स्तर से दूसरे स्तर पर कैसे संक्रमण करेगा, इसकी योजना बनाते समय किन पहलुओं पर विचार किया जाना चाहिए।शिक्षकों ने इस गतिविधि को लागू करने के साथ-साथ योजना तैयार करने में शिक्षकों के सामने आने वाली कठिनाइयों को भी समझा और शिक्षकों को शिक्षकों की कठिनाइयों को दूर करने के लिए शुरू की गई गतिविधियों की श्रृंखला में भाग लेने का सुझाव दिया।

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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा

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