Haryana

सफीदों को जिला बनवाने के लिए सड़कों पर उतरे लोग

नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते हुए गण्यमान्य लोग।

जींद, 29 दिसंबर (Udaipur Kiran) । सफीदों जिला बनाओं संघर्ष समिति की एक विशाल बैठक रविवार को नगर के नागक्षेत्र सरोवर प्रांगण में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुभाष जैन ने की। मंच का संचालन समिति के महासचिव संजीव गौतम ने किया। बैठक में भक्ति योग आश्रम के संचालक आयुर्वेदाचार्य डा. शंकरानंद सरस्वती महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। इस मौके पर जिला पार्षदों, ब्लाक समिति सदस्यों, पालिका पार्षदों, गण्यमान्य लोगों व सामाजिक व धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। बैठक में गण्यमान्य लोगों ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत करके सफीदों को जिला बनाने का प्रबल समर्थन प्रकट किया। बैठक को संबोधित करते हुए संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुभाष जैन ने कहा कि यह लड़ाई सफीदों हलके के मान-सम्मान व आने वाले भविष्य को सुदृढ़ करने की लड़ाई है।

यह संघर्ष तभी सफल हो पाएगा जब हम सब इस लड़ाई को एकजुटता के साथ लड़ेंगे। उन्होंने बताया कि इस विषय को लेकर सर्वप्रथम वे सफीदों के विधायक रामकुमार गौतम से मिले थे। जिन्होंने इस मसले में संघर्ष समिति का पूरा साथ दिया। विधायक रामकुमार गौतम के साथ आने से इस अभियान को काफी बल मिला। विधायक रामकुमार गौतम ने उसी वक्त प्रदेश के सीएम नायब सैनी, जिला बनाओ कमेटी के चेयरमैन कृष्ण पंवार व सदस्य महिपाल ढांडा से बात की। उसके बाद वे केबिनेट मंत्री कृष्ण पंवार, महिपाल ढांडा व श्याम सिंह राणा से मिले और उन्हे सफीदों को जिला बनाने का प्रस्ताव सौंपा। उसके उपरांत विधायक रामकुमार गौतम के नेतृत्व में मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिले और उनसे सफीदों को जिला बनाने का निवेदन किया गया।

सीएम नायब सैनी व केबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार, महिपाल ढांडा व श्याम सिंह राणा ने सफीदों को जिला बनाने के मसले में सकारात्मकता दिखाई। सुभाष जैन ने कहा कि यह लड़ाई आसान नहीं है और इसके लिए एक कड़ा संघर्ष करना होगा।

पैदल मार्च करके लोगों ने सौंपा ज्ञापन

नागक्षेत्र सरोवर पर बैठक करके सैंकड़ों लोग पैदल मार्च करते हुए नगर के महाराजा अग्रसैन चौंक व मकबरा पीर रोड़ होते हुए सीधे मिनी सचिवालय पहुंचे और महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के नाम एक ज्ञापन नायब तहसीलदार विकास कुमार को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि सफीदों का ऐतिहासिक संबंध महाभारतकाल से हैं। यह धर्मभूमि राजा कुरु और पांडवों के शासन का हिस्सा रही है। जो आज भी नागक्षेत्र तीर्थ व खानसर चौंक पर स्थित सर्पदधि तीर्थ जैसी धरोहर को अपने आंचल में समेटे हुए है।

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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा

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