जम्मू,, 23 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । सूरनकोट के सुदूरवर्ती गांव राजारा के लोग आज भी 1947 के दौर से गुजर रहे हैं। स्थानीय लोगों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि उन्हें आज भी मरीजों को चारपाई पर अस्पताल लाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को तीन मरीज बीमार हो गए, जिन्हें स्ट्रेचर पर अस्पताल लाया गया। यहां से तीन से चार किलोमीटर और पैदल चलना पड़ा।
उन्होंने बताया कि हाल ही में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले भी यह सड़क कई जगहों पर बंद थी, राजारा गांव के लिए एक और सड़क का सर्वेक्षण किया गया, जो डोडी से राजारा तक मात्र दो किलोमीटर थी। वर्ष 2023 में पंचायत निधि से 38 लाख रुपये रखे गए लेकिन मात्र ढाई से 300 मीटर सड़क ही काटी और 38 लाख रुपये पता नहीं धरती खा गई या आसमान निगल गया। अब्दुल रज्जाक ने सरकार व प्रशासन से अपील की कि वे राजारा गांव की ओर ध्यान दें ताकि लोगों की समस्याओं का समाधान हो सके।
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(Udaipur Kiran) / अश्वनी गुप्ता