
– राजभवन किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि जनता का है
लखनऊ, 15 अप्रैल (Udaipur Kiran) । लखनऊ स्थित राजभवन के गांधी सभागार में मंगलवार को हिमाचल प्रदेश राज्य का स्थापना दिवस उत्साह पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश की समृद्ध लोक संस्कृति, कला, अध्यात्म और प्राकृतिक सौंदर्य को प्रदर्शित करते हुए विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम में सिरमोरी नाटी नृत्य, हाटी की नाटी नृत्य, पडुआ नृत्य, सिंहटू नृत्य तथा लंबड़ा नृत्य की आकर्षक प्रस्तुतियों ने सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सभी कलाकारों को उनकी खूबसूरत प्रस्तुतियों के लिए हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि इन प्रस्तुतियों के माध्यम से हिमाचल प्रदेश की सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता की झलक स्पष्ट रूप से दिखाई दी। हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि वहां के लोग कठिन परिस्थितियों में भी एक-दूसरे की सहायता करते हुए प्रसन्नतापूर्वक जीवन व्यतीत करते हैं। हिमाचल के विद्यार्थी पढ़ाई भी इन्हीं चुनौतियों के बीच करते हैं तथा जीवन में आगे बढ़ते हैं।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोग अत्यंत शांतिप्रिय और धैर्यवान होते हैं, क्योंकि पहाड़ों में जीवन आसान नहीं होता। वहां की महिलाएं भी अत्यंत मेहनती होती हैं, जो अपने हाथों से सुंदर उत्पाद तैयार करती हैं। प्रशासन के सहयोग से वे इन आकर्षक उत्पादों को पर्यटकों तक पहुंचाती हैं, जिससे न केवल उनकी आय बढ़ती है बल्कि राज्य की पहचान भी दूर-दूर तक पहुंचती है।
उन्होंने कहा कि पर्यटन किसी भी देश के लिए रोजगार देने वाला सबसे बेहतर क्षेत्र होता है। जब पर्यटन को बढ़ावा मिलता है, तो समाज के हर वर्ग को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं। पर्यटन से स्थानीय हस्तशिल्प, संस्कृति, खानपान, परिवहन और कई अन्य क्षेत्रों को भी विकास की गति मिलती है, जिससे पूरे क्षेत्र की आर्थिक समृद्धि सुनिश्चित होती है। उन्होंने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस्ड स्टडीज, शिमला का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां स्थापित उन्नत अग्निशमन तंत्र टेक्नोलॉजी का उत्कृष्ट उदाहरण है, जिससे हमें सीख लेकर पूरे देश में इस प्रकार की व्यवस्था लागू करने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने अपने हिमाचल प्रदेश के भ्रमण का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश की लाइब्रेरी शोध और ज्ञान का समृद्ध केंद्र है। इस लाइब्रेरी में देश-विदेश से शोधकर्ता आते हैं और विभिन्न विषयों पर गहन रिसर्च करते हैं। यह दर्शाता है कि हिमाचल प्रदेश केवल प्राकृतिक सुंदरता का ही नहीं, बल्कि बौद्धिक और शैक्षिक समृद्धि का भी केंद्र है। कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश से आए कलाकारों के दल प्रमुखों ने हिमाचल की संस्कृति, सौहार्द और अतिथि सत्कार की भावना के प्रतीक के रूप में राज्यपाल जी को पारंपरिक हिमाचली टोपी और मफलर भेंट कर उनका सम्मान किया।
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(Udaipur Kiran) / दीपक वरुण
